ठंड में इतनी गलन है कि रजाई से निकलने की हिम्मत नहीं होती । लेकिन इसके बाद भी अगर ठण्ड में बाहर निकलना पड़े और चौराहों पर अलाव की सुविधा न हो तो मुश्किल और बढ़ जाती है।
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