खबर लहरिया Blog America Violence: लॉस एंजिल्स में भड़की हिंसा के बाद कर्फ्यू की घोषणा, कई लोगों की गिरफ्तारी 

America Violence: लॉस एंजिल्स में भड़की हिंसा के बाद कर्फ्यू की घोषणा, कई लोगों की गिरफ्तारी 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब से सत्ता में आए हैं उनका कहना है कि जो भी दूसरे देशों से यहां आकर बस गए हैं उन्हें निकाला जाए

Representational image of the White House and protesters in Los Angeles

लॉस एंजिल्स में व्हाइट हाउस और प्रदर्शकारियों की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

 

लॉस एंजिल्स के डाउनटाउन के एक हिस्से में हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया है। यह कर्फ्यू देश के समयानुसार रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा और कुछ दिनों तक चलेगा। कर्फ्यू के बाद ही पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की सामूहिक गिरफ़्तारी शुरू कर दी है। इसकी जानकारी मेयर करेन बास ने दी। 

लॉस एंजिल्स, अमरीका के कैलिफोर्निया प्रांत का सबसे बड़ा शहर और पूरे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जब से सत्ता में आए हैं उनका कहना है कि जो भी दूसरे देशों से यहां आकर बस गए हैं उन्हें निकाला जाए। ऐसे में बड़ी खबर लॉस एंजिल्स से आ रही है। 

लॉस एंजिल्स में प्रवासी छापेमारी (immigration raids) के खिलाफ प्रदर्शन  

बीबीसी न्यूज़ एंजेसी की रिपोर्ट के अनुसार लॉस एंजिल्स में शुक्रवार 6 जून 2025 से प्रवासी छापेमारी / immigration raids के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। यह विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब पता चला कि आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन / Immigration and Customs Enforcement (ICE) अधिकारी शहर के उन क्षेत्रों में छापेमारी कर रहे हैं जहां लैटिनो आबादी अधिक है।

प्रवासी छापेमारी / immigration raids क्या है? 

अप्रवासी छापेमारी से मतलब है जो लोग किसी और देश से आकर दूसरे देश में बसना चाहते हैं या फिर कई सालों से यहां रह हैं। उन लोगों के इलाकों में छापेमारी की गई जिसके बाद लोग इसका विरोध करने लगे। 

राष्ट्रपति ट्रम्प ने नेशनल गार्ड सैनिकों को किया तैनात 

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शहर में 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात किया, जिससे लोग नाराज हो गए। सोमवार 9 जून को फिर से उन्होंने शहर में 2,000 और सैनिकों और 700 मरीन को भी तैनात करने का आदेश दिया। कैलिफोर्निया के गवर्नर ने लॉस एंजिल्स में सेना की तैनाती की निंदा की। 

हिंसा में जले वाहन और दुकानों में लूटपाट 

जब हिंसा भड़की तो प्रदर्शकारियों ने वाहनों में आग लगा दी। हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों ने रविवार को वाहनों में आग लगा दी थी और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आग लगाने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दंगा रोकने के लिए तैनात अधिकारियों ने भीड़ को काबू में करने के लिए फ्लैश-बैंग ग्रेनेड और मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया। कई दुकानों में लूटपाट भी की गई।

हिंसा में कई लोगों की गिरफ्तारी 

बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग (एलएपीडी) ने कहा कि उसने शनिवार 7 जून 2025 को 29 लोगों को गिरफ्तार किया। इसके अगले दिन रविवार 8 जून को 27 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। सैन फ्रांसिस्को में हुई हिंसा के बाद लगभग 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया और तीन अधिकारी घायल हो गए, ऐसा वहां की पुलिस ने बताया। 

अमरीका से प्रवासी लोगों को बाहर करने का असर भारतीयों पर भी 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्ता में आने के बाद लोगों को उनके देश भेजने के लिए कड़े कदम उठाये हैं। कुछ महीनों पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ भारतीय प्रवासी लोगों को अमेरिकी सैन्य विमान के ज़रिये भारत भेजा था। 

अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स के साथ बदसूलकी 

हाल ही में कल मंगलवार 10 जून को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में  दावा किया गया कि एक भारतीय छात्र को अमेरिकी अधिकारियों ने नेवार्क हवाई अड्डे पर बेरहमी से हाथ-पैर खींचे, हथकड़ी लगाई और बांध दिया।

हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर रोक 

कुछ दिन पहले ही राष्ट्रपति ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिम का हवाला देते हुए हार्वर्ड विश्वविद्यालय में नए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रम्प ने जो स्टूडेंट्स हार्वर्ड विश्वविद्यालय (Harvard University) में पढ़ने का सोच रहे हैं और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए वीजा प्रतिबंध की घोषणा की थी।

ऐसे में जो भारतीय लोग वहां रह रहे हैं, चाहे वे स्टूडेंट्स हो या प्रवासी दोनों के लिए ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने मुश्किलें पैदा कर दी है। 

 

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