अम्बेडकरनगर जिले की निवासी महिलाएं अब अपने घरों से बाहर निकलकर अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं। इन महिलाओं ने जन विकास केंद्र से जुड़कर नई दिशा देखी है। यह संस्था उन्हें न केवल दूसरों की जागरूकता में सहायता कर रही है, बल्कि उनके अपने सपनों को पूरा करने में भी मदद कर रही है।
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किंजल कुमारी, एक युवती जिनकी आयु केवल 19 वर्ष है, बताती हैं कि वह अंबेडकरनगर के एक ऐसे गांव से हैं जहां लड़कियों को उनके हक और स्वतंत्रता की जानकारी नहीं दी जाती थी। उनका कहना है कि इस संस्था के माध्यम से उनकी जिंदगी में नई रोशनी आई है, और अब वह दूसरों को भी जागरूक करने का काम कर रही हैं।
आगे कहा, मैं गायत्री संगठन में काम करती हूँ, जो युवाओं को संविधान के महत्वपूर्ण विषयों के बारे में शिक्षा प्रदान करता है। हम सभी गांव-गांव जाकर लोगों को यह समझाते हैं कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी मिलती है, लेकिन बहुत बार ग्रामीण लोगों तक यह जानकारी नहीं पहुंचती। हम लोग उन्हें योजनाओं के बारे में बताते हैं और उन्हें उनके हक की मांग करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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