जिला अम्बेडकर नगर, ब्लाक भीटी, ग्रामसभा पिगिरियावां। यहां खेती-किसानी वैज्ञानिक तकनीक से की जाती है जिसकी वजह से अंबेडकर नगर जिले में नंबर एक पर है। इस गांव की किसानों का मानना है कि अगर हम दिल से खेती करें तो एक सरकारी नौकरी फेल है और शुद्ध भोजन निरोगित लोग रहते हैं मेहनत करते रहने से।
ऐसे ही एक किसान है देवनारायण पाण्डेय जो सिविल की तैयारी कर रहे थे लेकिन पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने के कारण से उसे छोड़कर उन्हें घर आना पड़ा। फिर साल 2012 से उन्होंने केले की खेती तकनीकी विधि से करना शुरू किया। उनका मानना है कि अगर हमने नए तरीके से नया-नया शोध करके फल,फ्रूट सब्जियों की खेती करते हैं तो अच्छा पैसा भी मिलता है वातावरण भी शुद्ध रहता है। बता दें, उन्होंने 4 एकड़ ज़मीन में खेती की है।
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सबसे पहले उन्होंने केले की खेती से शुरूआत की थी और अब वह हर प्रकार के फल जैसे कश्मीर सेब, मुसम्मी, दालचीनी, बेर,केला, पत्ता गोभी,फूल गोभी, संतरा, नींबू, आंवला, अमरूद, कश्मीरी बेर, दो-तीन प्रकार के संतरा, विभिन्न प्रकार की सब्जियां, चुकंदर, तरबूज़, खीरा,ककड़ी, खरबूजा, नए-नए प्रजातियों के धान व गेहूं की भी खेती करते हैं जिसके चलते वह अच्छा पैसा भी कमा रहे हैं।
उन्होंने चार-पांच गाय भी पाली है जिसके गोबर और मूत्र की रासायनिक खाद्य बनाकर वह अपने खेतों में प्रयोग करते हैं। उन्हें नई तकनीकी खेती के लिए कई बार सम्मान मिलता रहता है। उन्हें चौधरी चरण सम्मान भी मिला है। यहां तक केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित भी किए गए हैं और पुरस्कार भी मिला है।
उनका कहना है कि जो लोग कहते हैं गांव और खेती में कुछ नहीं है वो आलसी और काम चोर हैं क्योंकि खेती के काम से हमने परिवार का खर्चा, खेती-बाड़ी व उसके साथ चार-पांच जगहों पर ज़मीन खरीदी है। दो चक्का से लेकर चार चक्का तक चार गाड़ी भी खरीद लिया है। इनके काम से प्रभावित होकर आस-पास सभी किसानों इन्हीं की भांति खेती करना शुरू कर रहे हैं।
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