दीवाली का त्यौहार आने वाला है और इस अवसर पर दीये से सारे बाज़ार सजने लगे हैं लेकिन नई पीढ़ी और नई चीज़ों ने इन मिट्टी के दीये को एक प्रकार से हटाने का काम करना शुरू कर दिया है। इस वजह से जिन लोगों का मिट्टी के दीये बनाने का जो पुश्तैनी काम था वो विलुप्त होता जा रहा है। जिला अंबेडकर नगर में जब हमने इस बारे में कुम्हारों से बातचीत की तो उनसे मालूम हुआ कि उनके इस एकलौते काम के विलुप्त होने से इन्हें कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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