अजमेर की एक छोटी सी बस्ती नाचनबावड़ी में रहने वाले कालबेलिया समुदाय के द्वारा बहुत ही सुंदर गुदड़ियां बनाई जाती है। 1 गुदड़ि को बनाने में उन्हें कम से कम 1 हफ्ता लगता है और कई तरह की रंग-बिरंगे धागे, सुई, ओढ़नी की ज़रूरत पड़ती है। तैयार होने के बाद ये गुदड़ियां पुष्कर बिक्री के लिए जाती है जिसे ज़्यादातर अंग्रेज़ लोग खरीदते है। यह 5000 तक की बिकती है और इसी से इन लोगों का घर चलता है।
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लोगों ने बताया कि इसे ले जाने में इनका अपना खर्चा ही लगता है। यह खुद ही बेचते हैं, इनसे कोई थोप में नहीं खरीदता है। यह इनका एक मात्र रोज़गार का स्रोत है। दरअसल, कालबेलिया समुदाय राजस्थान की एक सांप-आकर्षक जनजाति है। कालबेलिया खासतौर पर एक प्रकार का नृत्य है जिसे पुरुष-महिलाएं दोनों प्रस्तुत करते हैं। इस जाति के लोग बहुत ही सुन्दर और रंग-बिरंगी रज़ाई बनाते है जिसे गुदड़ियां के नाम से भी जाना जाता है।
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