खबर लहरिया ताजा खबरें केरल में एक और लैंगिक असमानता का पहाड़ टूटा

केरल में एक और लैंगिक असमानता का पहाड़ टूटा

जनवरी 2017 से 51 महिलाओं का समूह केरल के अगस्त्यकूडम चोटी में चढ़ाई के लिए सरकार के प्रबंधन का इंतजार कर रहा है। 6129 फीट की ऊंचाई पर स्थिति चोटी ने्यर अभयरण्य पर स्थित है। हालांकि इस मामले पर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया हैं, कि लिंग के आधार पर किसी के साथ  भेदभाव नहीं होगा, सभी लिंग के पर्यटकों को वहां जाने की अनुमति है। हालाँकि आदिवासी महासभा ने विवाद किया हैं, कि कानि आदिवासी जो इस चोटी में अगस्त्यामुनि की पूजा करते हैं और महिलाओं की यहां उपस्थिति से रीति-रिवाजों के साथ हस्ताक्षेप होगा।

लेकिन न्यायालय के आदेश के बाद 51 महिलाओं का वही समूह अगस्त्यकूडम चोटी में चढ़ाई के लिए उस ही उल्लास के साथ बुकिंग के लिए लगे हुए हैं। उच्च न्यायालय ने 2018 में आदेश दिया कि कोई भी लिंग आधारित मनाही थोपी नहीं जा सकती है। इस समूह की सदस्य और नीलमबुर की सामाजिक कार्यकर्ता दिव्या देवकरण कहती हैं कि उच्च न्यायालय की याचिका ने गैर-अधिकारिक पाबंदी को हटा दिया हैं, जो अगस्त्यकूडम चोटी में चली आ रही थी। आपको बता दें कि यहाँ महिला पर्यटकों के लिए कोई सुविधा नहीं हैं, वे पहली बार इस मुश्किल राह पर अपनी जीत का परचम लहरेंगी।