अग्निपथ योजना से जुड़ी अफवाहों को दूर करने के लिए सरकार ने अग्निपथ, मिथक बनाम तथ्य की शुरुआत की है। वहीं छात्र आर्मी में भर्ती की पुरानी प्रक्रिया को वापस चाहते हैं।
सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा मंगलवार को अग्निपथ योजना की शुरुआत की गयी थी। योजना के शुरू होने के बाद ही बिहार, यूपी, राजस्थान और हरियाणा में बुधवार की सुबह से ही आर्मी के छात्रों द्वारा योजना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। कई जिलों के छात्रों ने सड़क जाम और टायरों को आग लगाते हुए गुस्सा दिखाया और सरकार से योजना को वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने भबुआ रोड रेलवे स्टेशन की ट्रेन में भी आग लगा दी।
योजना के तहत कहा गया था कि जवानों को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उन्हें अग्निवीर का नाम दिया। इसके साथ ही चार साल बाद यह जवान सेवानिवृत हो जाएंगे व उन्हें किसी भी तरह की पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
यही नहीं आज वीरवार को भी एक बार फिर से मुंगेर, कैमूर, सहरसा, छपरा समेत कई जिलों में छात्र विरोध करते नज़र आएं। जानकारी के अनुसार, कैमूर में छात्रों ने इंटरसिटी एक्सप्रेस को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा दिल्ली-जयपुर हाईवे को भी छात्रों ने राजस्थान में जाम कर दिया है। बिहार राज्य से शुरू हुआ यह आंदोलन अब अलग-अलग राज्यों में हिंसक रूप में फ़ैल चुका है।
सरकार ने योजना के लिए ज़ारी की फैक्ट शीट
युवाओं को समझाने के लिए अब सरकार ने अनौपचारिक रूप से एक फैक्ट शीट ज़ारी की है। इसका टाइटल है, ‘अग्निपथ, मिथक बनाम तथ्य।’ इस शीट के ज़रिये सरकार ने अपना पक्ष रखने की कोशिश की है। योजना को लेकर जो सवाल उठाए जा रहे हैं उनके जवाब इसमें दिए गए हैं।
अग्निपथ योजना को लेकर सीएम योगी का बयान
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा, “युवा साथियो,’अग्निपथ योजना’ आपके जीवन को नए आयाम प्रदान करने के साथ ही भविष्य को स्वर्णिम आधार देगी। आप किसी बहकावे में न आएं।”
आगे ट्वीट करते हुए लिखा, ” आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मंशानुरूप ‘अग्निपथ योजना’ युवाओं को राष्ट्र व समाज की सेवा हेतु तैयार करेगी, उन्हें गौरवपूर्ण भविष्य का अवसर प्रदान करेगी। यूपी सरकार आश्वस्त करती है कि ‘अग्निवीरों’ को सेवा के उपरांत पुलिस व पुलिस के सहयोगी बलों में समायोजित करने में प्राथमिकता दी जाएगी।”
सरकार वापस ले अग्निपथ योजना – कांग्रेस सांसद
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मोदी सरकार पर फौज को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। कहा कि सरकार सेनाओं में भर्ती की अग्निपथ योजना को तुरंत वापस ले। कांग्रेस सांसद यह भी कहा कि फ़ौज पर राजनीति के बजाए केवल राष्ट्रनीति होनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा,“अग्निपथ सैन्यभर्ती योजना चारों ओर दुश्मनों से घिरे देश की सुरक्षा के लिए और भर्ती के लिए प्रयासरत करोड़ों युवाओं के भविष्य के लिए घातक है। ये इन युवाओं की राष्ट्रसेवा के प्रति संकल्प का अपमान है। इन युवाओं के भविष्य एवं आत्मसम्मान को संरक्षण ना दे सके ऐसी योजना सरकार वापिस ले।”
अग्निपथ योजना को लेकर छात्रों के विचार
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के एक प्रदर्शकारी करते हुए छात्र ने कहा, “हमने लंबे समय से इसकी तैयारी की है और अब वह चार साल की नौकरी के रूप में टीओडी (टूर ऑफ ड्यूटी) लाए हैं। हमें वो नहीं बल्कि पुरानी भर्ती प्रक्रिया चाहिए।”
#WATCH | Bihar: Armed forces aspirants protest at Bhabua Road railway station, block tracks & set a train ablaze over #AgnipathRecruitmentScheme
They say, "We prepared for long&now they've brought ToD (Tour of Duty) as a 4-yr job.Don't want that but the old recruitment process" pic.twitter.com/TmhfnhHiVg
— ANI (@ANI) June 16, 2022
अन्य छात्र ने कहा, “हम सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। महीनों के प्रशिक्षण और छुट्टी के साथ 4 साल की सेवा कैसी होगी? सिर्फ 3 साल के प्रशिक्षण के बाद हम देश की रक्षा कैसे करेंगे? सरकार को इस योजना को वापस लेना होगा।”
छात्र लगातार अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहें हैं जो की अब हिंसक बन चुका है। छात्र सरकार की इस योजना से खुश नहीं है वहीं सरकार का यह कहना है कि यह योजना लाभदायक साबित होगी जिसके लिए सरकार ने फैक्ट चेक शीट भी निकाली है। वहीं छात्रों की मांग है कि आर्मी में भर्ती की पुरानी प्रक्रिया को फिर से बहाल किया जाए। वहीं 4 सालों के लिए नौकरी देना ऐसा लगता है कि उन्हें लॉलीपॉप दिया जा रहा हो।
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