इस वर्ष अगस्त में केरल राज्य की ‘साक्षरता नियोग प्राधिकरण’ द्वारा आयोजित अक्षलक्षम साक्षरता परीक्षा में भाग लेने वाली सबसे वृद्ध छात्र 96 वर्षीय कर्थ्ययानी ने, 100 में से 98 अंक प्राप्त करे हैं।
परीक्षार्थियों का पढ़ने, लिखने और गणित जैसे विषयों पर परीक्षण करा गया था। कर्थ्ययानी ने लिखित में 40 में से 38 अंक प्राप्त करे और वाचन तथा गणित में पूर्ण अंक प्राप्त करे हैं। इस परीक्षा के परिणाम बुधवार को प्रकाशित किए गए थे।
कर्थ्ययानी ने द हिन्दू से बात करते समय कहा है कि दसवीं कक्षा की परीक्षा का भी समान रूप से समाशोधन करना ही उनका अगला लक्ष्य है। “परीक्षा में उच्च अंक लाना मेरे लिए काफी ख़ुशी की बात होगी। और ऐसे ही आगे भी में अपनी पढाई जारी रखना चाहती हूँ”, ऐसा कर्थ्ययानी जी का कहना है।
वहीँ कर्थ्ययानी की शिक्षिका सती.के का कहना है कि “वे शिक्षा को लेकर काफी सरगर्म स्वाभाव की हैं और यह उनके परीक्षा में प्रदर्शन द्वारा परिलक्षित होता है। वह शिक्षा जारी रखने के लिए काफी इच्छुक हैं” ।
कर्थ्ययानी कभी स्कूल नहीं गई हैं और उन्होंने घरेलू सहायक और सफाई कर्मचारी के रूप में ही काम किया है। उन्हें पढने की प्रेरणा अपनी बेटी अम्मिनिंमा से मिली है। 51 साल की अम्मिनिंमा ने बचपन में ही स्कूल छोड़ दिया था पर उन्होंने इस उम्र में अपनी पढाई जारी रखकर, दसवीं कक्षा की परीक्षा का समाशोधन किया है।
गुरुवार को थिरुवानान्थापुरम में आयोजित होने वाले समारोह में, कर्थ्ययानी को मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा योग्यता प्रमाण पत्र से सम्मानित किया जाएगा।
‘अक्षलक्षम’ संख्यात्मक प्रतिशत साक्षरता हासिल करने के उद्देश्य से इस परियोजना का आयोजन करवाता है। कुल 43,330 परीक्षार्थियों में से 42,933 सहित 37,166 महिलाओं द्वारा इस परीक्षा के पहले चरण का समाशोधन कर दिया गया है।