खबर लहरिया Blog After 32 years Ajmer Gang Rape accused get punishment: 32 साल बाद अजमेर गैंग रेप केस में आरोपियों को उम्र कैद की सजा, 5 लाख का जुर्माना

After 32 years Ajmer Gang Rape accused get punishment: 32 साल बाद अजमेर गैंग रेप केस में आरोपियों को उम्र कैद की सजा, 5 लाख का जुर्माना

1992 में हुए अजमेर सामूहिक बलात्कार व ब्लैकमेलिंग से जुड़े मामले में 32 साल बाद यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अदालत के न्यायाधीश रंजन सिंह ने 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है व प्रत्येक आरोपी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

After 32 years Ajmer Gang Rape accused get punishment

शीर्ष (बाएं से दाएं) नसीम उर्फ ​​टार्ज़न, इसरत अली, परवेज अंसारी, फारूक चिश्ती। नीचे (बाएं से दाएं) पुत्तन, हरीश तोलानी, कैलाश सोनी, पुरषोत्तम ( साभार – ग्राफ़िक: सोहम सेन/दिप्रिंट)

Ajmer Gang Rape Case: अजमेर में 1992 में हुए 100 से अधिक लड़कियों को ब्लैकमेल कर बलात्कार करने के आरोप में पोक्सो अदालत ने आरोपियों को कल मंगलवार 20 अगस्त 2024 को फैसला सुनाया। इस मामले में 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, साथ ही प्रत्येक को 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

देश में आए दिन बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब 32 साल बाद बलात्कार और ब्लैकमेलिंग से जुड़े मामले में 6 आरोपियों को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अदालत के न्यायाधीश रंजन सिंह ने उम्र कैद की सजा सुनाई और प्रत्येक आरोपी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में 100 से अधिक लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। आरोपी ने उनके वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल किया। ये लड़कियां 11 से 20 साल की थीं और स्कूल तथा कॉलेज में पढ़ने वाली थीं।

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6 आरोपी जिन्हें मिली उम्र कैद की सजा

जिन आरोपी को सजा सुनाई गई, उनमें नफीस चिश्ती, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, नसीम सैयद, ज़मीर हुसैन और सोहिल गनी को दोषी पाया गया। इन आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार ) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत इन्हें सजा सुनाई गई।

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मामले में कुल 18 आरोपी

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में कुल 18 आरोपी थे, जिनमें से 12 को 1998 में ट्रायल कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने बाद में उनकी सजा कम कर के 12 साल कर दी। 2001 में उनमें 4 आरोपी को रिहा कर दिया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सजा घटाकर 10 साल कर दी। इनमें से एक आरोपी अलमास महाराज को अभी तक नहीं पकड़ा गया है और एक ने जमानत मिलने के बाद आत्महत्या कर ली थी।

आपको बता दें कि 12 आरोपियों में से जहूर चिश्ती को धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) के तहत दोषी पाया गया इसलिए उसका मामला दूसरी अदालत में भेज दिया गया।

अदालत ने कुल जुर्माने को लड़कियों में बराबर बाँटने का दिया आदेश

द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इस मामले में 16 लड़कियां थीं। अदालत ने आदेश दिया कि जो जुर्माने की कुल राशि 30 लाख रुपए को लड़कियों में बराबर-बराबर बांटा जाए। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा निर्धारित मुआवजे की सूची के तहत प्रत्येक को कम से कम 4 लाख रुपए और अधिकतम 7 लाख रुपए दिए जाने चाहिए।

 

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