खबर लहरिया Blog अफगानिस्तान: रॉयटर्स फोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी की कंधार में हुई हत्या

अफगानिस्तान: रॉयटर्स फोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी की कंधार में हुई हत्या

भारतीय फोटो जॉर्नलिस्ट दानिश सिद्दिकी की हुई हत्या।

अफगानिस्तान में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दिकी (Danish Siddiqui) की आज 16 जुलाई को हत्या हो गई है। वह रॉयटर्स के लिए काम करते थे। अफगानिस्तान के समाचार चैनल टोलो न्यूज के सूत्रों के अनुसार, सिद्दीकी की मौत स्पिन बोल्डक इलाके (Spin Boldak Area) में हुई है। जो कंधार प्रांत में स्थित है। यहां इस समय भीषण हिंसा हो रही है। सिद्दिकी बीते कुछ दिनों से कंधार में जारी हालात की कवरेज कर रहे थे।

एएफपी ने बताया कि शुक्रवार को पाकिस्तान के साथ महत्वपूर्ण सीमा पार करने के लिए एक ऑपरेशन शुरू होने के बाद अफगान सेना स्पिन बोल्डक में तालिबान लड़ाकों से भिड़ गई थी।

ट्वीटर पर लगातार शेयर कर रहे थे हिंसा की जानकारी

दानिश सिद्दिकी अफगानिस्तान के कंधार में जारी हिंसा की कवरेज से जुड़ी जानकारी भी अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लगातार शेयर कर रहे थे। 13 जून को उन्होंने जानकारी दी थी कि वह जिस वाहन में सवार थे, उस पर कई हथियारों से हमला किया गया। अपने ट्वीट में सिद्दिकी ने लिखा था, ‘मेरी किस्मत अच्छी रही कि मैं सुरक्षित हूं और मैंने एक रॉकेट को आर्मर प्लेट के ऊपर से जाते हुए देखा।’

 

तालिबान के साथ अफगान सैनिकों की जंग

जानकारी के मुताबिक दानिश सिद्दिकी की मौत उस समय हुई जब तालिबान और अफगान सरकार के सुरक्षाबलों के बीच जंग हो रही थी। (Taliaban Afghanistan Fight) जो की अब भी जारी है। विदेशी सैनिक 20 साल चली लड़ाई के बाद अफगानिस्तान से जा रहे हैं, जिसे तालिबान अपनी जीत के तौर पर देख रहा है और लगातार देश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिस्सों पर कब्जा करता जा रहा है। बीते दिनों तालिबान ने दावा किया था कि उसने देश के 85 फीसदी हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है।

सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा रहा तालिबान

तालिबान ने देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में स्थित कई जिलों और बॉर्डर क्रॉसिंग को अपने कब्जे में ले लिया है। सरकार का आरोप है कि तालिबान ने 34 प्रांतों में से 29 में मौजूद हजारों सरकारी इमारतों को नुकसान पहुँचाया है। जबकि तालिबान ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। अफगान सरकार के वरिष्ठ अधिकारी नादेर नादेरी ने काबुल में कहा कि सुरक्षाबल तालिबान को पीछे खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उसके कब्जे वाले जिलों को दोबारा अपने नियंत्रित में लिया जा सके।

पुलित्जर पुरस्कार विजेता दानिश सिद्दिकी

दानिश सिद्दिकी ने अपने करियर की शुरुआत एक टेलीविजन समाचार संवाददाता के रूप में की थी। बाद में वह फोटो जर्नलिस्ट बन गए। साल 2018 में सिद्दिकी अपने सहयोगी अदनान आबिदी के साथ पुलित्जर पुरस्कार ( PULITIZER WINNER) जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। इन्होंने रोहिंग्या शरणार्थी संकट को भी कवर किया था।

साल 2018 में दानिश सिद्दीकी रॉयटर्स टीम के सात सदस्यों में दो भारतीयों में से एक थे। सिद्दीकी ने रोहिंग्या शरणार्थी डॉक्यूमेंट्री की एक श्रृंखला बनाई थी जिसके लिए उन्होंने फीचर फोटोग्राफी के लिए पुलित्जर पुरस्कार जीता था।

एक फोटो जर्नलिस्ट के रूप में अपने समय में, सिद्दीकी ने एशिया, मध्य पूर्व और यूरोप में कई कहानियों को कवर किया था। जैसे अफगानिस्तान और इराक में युद्ध, रोहिंग्या शरणार्थियों का संकट, हांगकांग विरोध, नेपाल भूकंप, उत्तर कोरिया में बड़े पैमाने पर खेल और स्विट्जरलैंड में शरण में रहने वालों लोगों की स्थिति को लेकर कवरेज की थी।

उनका काम कई पत्रिकाओं, समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुआ था।

सिद्दीकी ने 2018 में स्क्रॉलइन को बताया था, “एक तस्वीर को लोगों को आकर्षित करना चाहिए और पूरी कहानी को बिना ज़ोर से बोले हुए बताना चाहिए।”

(टोलो न्यूज और एएफपी से इनपुट्स के साथ।)