उत्तराखंड के जंगल में आग की घटना आए दिन हो रही है। ऐसे में एक वीडियो में तीन लड़कों को आग से खेलने और जंगल की आग को बढ़ावा देने के आरोप में शनिवार 4 मई को गिरफ्तार कर लिया गया।
सोशल मीडिया पर जंगल में तीन युवक के आग लगाने का वीडियो सामने आया है। यह घटना उत्तराखंड के चमोली जिले के गैरसैंण इलाके में हुई थी। शानिवार 4 मई को जंगल की आग को बढ़ावा देने के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जोकि बिहार से हैं।
उत्तराखंड में जंगल में आग की घटना आए दिन हो रही है। ऐसे में एक वीडियो में तीन लड़कों को आग से खेलने और जंगल की आग को बढ़ावा देने के आरोप में शनिवार 4 मई को गिरफ्तार कर लिया गया। उत्तराखंड जिले के एसपी सर्वेश पंवार ने बताया कि यह घटना चमोली जिले के गैरसैंण इलाके में हुई । सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक युवक कहता नज़र आ रहा है कि, “आग से खेलने वालों को कोई चुनौती नहीं देता…और बिहारियों को कभी चुनौती नहीं दी जाती।”
गिरफ्तार हुए युवकों में ब्रिजेश कुमार, सलमान और शुखलाल के नाम शामिल हैं जिनका संबंध बिहार से है।
पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा, “उन पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 और भारतीय दंड संहिता की कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।” उन्होंने लोगों से अपील भी की। वे जंगलों में आग न लगाएं और न ही इसे बढ़ावा दें क्योंकि यह एक दंडनीय अपराध है। जिला एसपी ने कहा, “जो लोग कानून का पालन नहीं करेंगे, उन्हें दंडित किया जाएगा।”
सोशल मीडिया पर कुछ युवकों द्वारा वनाग्नि को बढ़ावा देने संबंधी वायरल वीडियो, जांच में पांडवाखाल (गैरसैंण) को होना पाया गया। जिस संबंध में बिहार निवासी तीनों युवकों बृजेश कुमार, सलमान और शुखलाल के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत कर तीनों को गिरफ्तार किया गया है।#UttarakhandPolice pic.twitter.com/DYPGqgnZvT
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) May 4, 2024
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने कहा कि, “राज्य में जंगल की आग के संबंध में नौ जिलों में कई मामले दर्ज किए गए हैं।”
जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्र की होगी पहचान
एएनआई की रिपोर्ट बताती है कि अधिकारी ने कहा, एक समन्वित योजना के अनुसार, पुलिस और वन विभाग जंगल की आग से प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करेंगे और देखेंगे कि आग की लपटें दुर्घटनावश लगी थीं या जानबूझकर।
जंगलों की आग को देखते हुए हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में 4 मई को नई दिल्ली में उत्तराखंड सदन में बैठक की थी। जिसमें जंगल की आग से निपटने, पीने के पानी की समस्या और चारधाम यात्रा की तैयारी करने की रणनीतियों पर चर्चा की गई थी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए मुख्यालय और जिला दोनों स्तरों पर पहले से ही तैयारी और वरिष्ठ अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया जाएगा।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में हर साल जंगल में आग लगती है। यह अधिकतर फ़रवरी महीने के बीच से शुरू होता है जब पेड़ से सूखे पते गिरने लगते हैं। बढ़ती गर्मीं के कारण तापमान में वृद्धि होने से मिट्टी की नमी ख़त्म हो जाती है। आग लगने की संभावना जंगलों में जून मध्य तक होती है।
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