विश्व कविता दिवस पर महादेवी वर्मा के नाम छोटी सी भेट :महादेवी वर्मा हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से एक हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुखकवियों जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत के साथ गिनी जाती हैं। उन्हें आधुनिक मीरा भी कहा गया है। उन्हें हिन्दी साहित्य के सभी महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त है। वो कविता के साथ साथ कहानियां भी लिखती थी आपको पता होगा के वो भारत की 50 सबसे यशस्वी महिलाओं में भी शामिल हैं। और मेरे दिल के बहुत ही करीब। हम उनकी ककविताएं पढ़ कर बड़े हुए है। हर कविता के पीछे एक उदेश्य छुपा होता था आज विश्व कविता दिवस पर उनके लिए एक छोटी सी भेट के रूप में उनकी ही लिखी एक कविता पढ़ रही हूँ
कविता का शीर्षक है
अधिकार वे मुस्काते फूल, नहीं जिनको आता है मुर्झाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना; वे नीलम के मेघ, नहीं जिनको है घुल जाने की चाह वह अनन्त रितुराज,नहीं जिसने देखी जाने की राह; वे सूने से नयन,नहीं जिनमें बनते आँसू मोती, वह प्राणों की सेज,नही जिसमें बेसुध पीड़ा सोती; ऐसा तेरा लोक, वेदना नहीं,नहीं जिसमें अवसाद, जलना जाना नहीं, नहीं जिसने जाना मिटने का स्वाद! क्या अमरों का लोक मिलेगा तेरी करुणा का उपहार? रहने दो हे देव! अरे यह मेरा मिटने का अधिकार! थैंक्यू