जैसा कि हम जानते हैं कि गौरैया चिड़िया अब धरती से लुप्त होती जा रही हैं, ऐसे में उनका संरक्षण करना बहुत ज़रूरी है। जिला वाराणसी में गौरैया को बचाने की एक ऐसी ही पहल करी गई है। नगर क्षेत्र त्रीरीनगर कालोनी के इंद्रपाल सिंह ने अपने घर में करीब 150 घोसले बनवा दिए हैं। उनका कहना है कि आज जिस हिसाब पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसके कारण गौरईयों के साथ-साथ और भी कई चिड़ियों को घोसला बनाने की जगह नहीं मिल पाती है।
उन्होंने अपने घर में 10 घोसले बना कर इसकी शुरुआत करी थी लेकिन फिर और चिड़ियां वहां आने लगीं और उन्होंने धीरे-धीरे अपने पूरे घर के बाहर और बालकनी में घोसले बनवा दिए। उनका कहना है कि गौरैयों के घर में आने से उन्हें बहुत सुकून मिलता है और चिड़ियों के चहकने की आवाज़ बहुत लुभाती है। इंद्रपाल ने चिड़ियों के खाने पीने का भी पूरा इंतज़ाम कर रखा है। उन्होंने बताया कि अगर हमें पर्यावरण को बचाना है तो यह ज़रूरी होगा कि पेड़ों का विनाश करना बंद किया जाए, क्यूंकि उससे प्रकृति के साथ-साथ इससे पशु-पक्षियों को भी बहुत नुक्सान होता है। वो आगे भी गौरियों को बचाने के इस संकल्प में जुड़े रहेंगे और लोगों को भी अपने घरों में घोसले बनाने के लिए जागरूक करते रहेंगे।
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