जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर तहसील कुलपहाड़ कोतवाली कुलपहाड़ गांव बुधौरा में तीन साल का बच्चा खेतों में खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया। घटना 2 दिसंबर की दोपहर को तकरीबन 1 बजे की है। बोरवेल बच्चे के दादा के खेत का था, जो की तकरीबन चार महीने पहले उन्होंने पन्नी डालकर बन्द कर दिया था।
गांव वालों द्वारा घटना के तुरंत बाद ही पुलिस को बुलाया गया, लेकिन गाँव वालों का कहना है कि बच्चे को बोरवेल से निकालने की जगह पुलिस लोगों को बस घटनास्थल से दूर करते हुए दिखी। कई घण्टों बाद भी जेसीबी की गाड़ी बच्चे को निकालने नहीं पहुंची। अगले दिन यानी 3 दिसंबर की सुबह 9 बजे बच्चे को बोरवेल से निकाला गया। निकालते ही उसे जिला अस्पताल लेकर जाया गया।
18 घन्टे तक बच्चे का ऑपेरशन चला, लेकिन बच्चा बच नहीं पाया। बच्चे के परिवार वालों ने बताया कि बच्चा बहुत देर तक चिल्लाता रहा कि उसे कोई बचा लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। बच्चे के दादा का कहना है कि वह दो बहनों में अकेला ही लड़का था। परिवार का आरोप है कि अगर अधिकारियों और पुलिस द्वारा सही समय पर बच्चे को निकाल लिया जाता, तो बच्चे की जान बच सकती थी। फिलहाल, सरकार द्बारा परिवार को आपदा निधि योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।
डीएम सत्येंद्र कुमार का लोगों से कहना है कि जिनके भी बोरवेल खुले हैं, वह इस बात की सूचना अधिकारियों दें ताकि वह एक महीने के अंदर सभी खुले बोरवेल को बन्द कर दे। ताकि फिर से कोई घटना खुले बोरवेल की वजह से ना हो। लेकिन डीएम द्वारा पुलिस और अधिकारियों के देर से पहुंचने पर कुछ नहीं कहा गया। अगर अधिकारी, जेसीबी की गाड़ी या पुलिस समय रहते बच्चे को निकाल लेती, तो बच्चे की जान बच सकती थी|