खबर लहरिया बाँदा रिपोर्ट दर्ज कराने और इंसाफ में क्यों देरी

रिपोर्ट दर्ज कराने और इंसाफ में क्यों देरी

Banda_city_Railway_Station,_Uttar_Pradeshजिला बांदा। बांदा कोतवाली नगर क्षेत्र की पैंतालिस वर्षीय महिला बताती है कि वह 22 नवम्बर शाम सात बजे अपने खेत में चारा बांधकर घर आने की तैयारी में थी। तभी गांव के कल्लू, बच्ची और लल्लू नशे में आए। तीनों ने मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। 24 नवंबर को वह नगर कोतवाली रिपोर्ट लिखाने गई। पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। महिला ने बताया कि 25 नवम्बर को एस.पी. और डी.आई.जी. को दरखास दी। उनके आदेश के बाद 9 दिसंबर को रिपोर्ट लिखी गई। मेडिकल जांच हो गई पर रिपोर्ट अब तक नहीं आई। मामले को देर से दर्ज होने के बारे में कोतवाली नगर प्रभारी रणवीर सिंह का कहना है कि वह 25 नवम्बर को आए हैं। मामले को समझने में देर लग गई। नामजद मुकदमा लिखा गया है।
दूसरा मामला कमासिन थाना क्षेत्र का है। यहां की एक महिला का आरोप है कि उसकी सोलह साल की लड़की से तेइस साल के अभिलाष सिंह और पच्चीस साल के मोनी सिंह ने 27 सितंबर 2014 दिन लगभग डेढ़ बजे बलात्कार किया। रिपोर्ट लिखाने गई लेकिन पुलिस ने डांटकर भगा दिया। 4 दिसंबर को डी.आई.जी. को दरखास देने के बाद रिपोर्ट लिखी गई। कमासिन थानाध्यक्ष घनश्याम पाण्डेय कहते हैं कि वह खुद केस नहीं करना चाहती थी। बाद में डी.आई.जी. के पास पहुंच गई। अब मुकदमा लिखा गया है।

डी.आई.जी. बी.आर. मीना ने बताया कि 2012 के बाद से ऐसे मामलों को लेकर पुलिस विभाग चुस्त हुआ है। इसीलिए ऐसों रिपोर्ट दर्ज होने के आकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। अगर थाने में रिपोर्ट नहीं लिखी जाती और लोग मेरे पास पहुंचते हैं तो मैं तुरंत रिपोर्ट दर्ज करवाने का आदेश देता हूं।