जिला ललितपुर, गांव लरगन में आज भी बूढ़े आदमी आज भी अपने अधिकारन से वंचित हे। हर महीना इते वृद्धा पेंशन की सुविधा को दइ जात। लेकिन जा गांव में वृद्ध, विधवा, विकलांगन को पेंशन नइ मिल पा रई। कछू आदमियन के अनुसार पेंशन कबहु मिलत तो कबहु बंद हो जात।जिला ललितपुर, गांव लरगन गांव लरगन में आज भी बूढ़े आदमी आज भी अपने अधिकारन से वंचित हे। हर महीना इते वृद्धा पेंशन की सुविधा को दइ जात। लेकिन जा गांव में वृद्ध, विधवा, विकलांगन को पेंशन नइ मिल पा रई। कछू आदमियन के अनुसार पेंशन कबहु मिलत तो कबहु बंद हो जात। कछू आदमियन को तो साठ सत्तर साल होबे के बाद भी पेंशन नइ मिल रई। गांव के आदमी परेशान होके कितेकऊ चक्कर काट चुके जाने कितने फार्म इकठ्ठे कर चुके। गांव में केवल साठ फॉर्म भरे। गांव में कछू एसे आदमी हे इनकी आय को साधन मात्र उनकी पेंशन ही हे। नवल किशोर ने बताई के हमाई उम्र साठ साल हो गयी न हमे मकान हे न जमीन हे हमे घर में बारह सदस्य हे। अनोखी बाई ने बताई के हमाय आदमी को मरे आठ साल हो गयी और इतने रुपइया खर्च हो गये कोऊ को सौ कोऊ को दो सौ पांच सौ देत रए। केऊ बार तो फोटो और फॉर्म जमा कर दए लौट के ही नइ आय। न पेंशन बधी सदारानी ने बताई के कोऊ सुनत ही नइया काम बनत नइया हम चल फिर नइ पात। प्रधान रौशन लाल ने बताई के कुल पेंशन साठ बधी जी में सामान्य की बारह, अनुसूचित की पच्चीस, और पिछड़ा वर्ग की तीस हे। लक्ष्मन सिंह ए डी ओ समाज कल्याण ने बताई के अगर कोनऊ परेशानी हे तो विकास खंड कार्यालय में हम बैठत हे। इते आके उनको जानकारी देत।
रिपोर्टर- सुषमा
08/06/2017 को प्रकाशित