बांदा जिला, ब्लाक महुंवा, गांव पचोखर लगभग 6 हजार के आबादी मा चार आगंनवाडी केंद्र हैं। पै इं आंगनवाडी केंद्र रोज नहीं खुलत हैं। आगंनवाडी मा न बच्चन का पोषाहार मिलत आय न गर्भवती मेहरियन का। आगंनवाडी के विभाग मा शिकायत करे के बाद भी कउनौ सुनवाई नहीं होत हैं।
अरुण समेत कइयौ मड़ई बताइन कि दुइ महीना से गर्भवती मेहरियन खातिर खाना नहीं बना आय। शासन का आदेश है कि गर्भवती मेहरियन का रोज गर्मागरम खाना अउर फल दीन जाये। पै महीना मा दस दिन केंद्र खुलत हैं। तबै थोड़ी बहुत बच्चन का पंजीरी दई दीन जात है। बाकी ब्लैक मा बेच दीन जात हैं।
छोट-छोट बच्चा जउन आगंनवाडी मा पढ़त हैं उनके पढ़ाई का नुकसान होत है।
हमरे गांव मा कउनौ अधिकारी आवत है। तौ आगंनवाडी के शिकायत कीन जात है। पै हमार कउनौ सुनवाई नहीं होत है। उल्टा हमैं धमकी मिलत हैं। विभाग वाले सब एक होइ जात है। यहै कारन हेंया के हालत बहुतै खराब है। आगंनवाडी भाग 2 के हालत तौ बहुतै खराब हैं। जेहिमा टूट फुट केंद्र हैं
भाग 2 आगंनवाडी नीलम का कहब है कि बैंक मा रुपिया नहीं आवा रहै। यहै कारन 8 दिना से खाना नहीं बना है केंद्र रोज खोला जातहै। बच्चन खातिर 40 ग्राम पोषाहार अउर गर्भवती मेहरियन खातिर 80 ग्राम पोषाहार दीन जात हैं।
रिपोर्टर- गीता
07/11/2016 को प्रकाशित