पिछले साल यानी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक के 13 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई, पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हाल के आंकड़ों के अनुसार इस साल बैंकों को 40 हजार करोड़ रुपये से ज्याधदा का नुकसान हुआ है । आरबीआई के अनुसार कि 2017-18 में बैंकों को करीब 41,167.7 करोड़ रुपये का नुकसान है।
आरबीआई की ओर से यह भी बताया गया है कि बीते चार चालों में बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। 2013-14 में 10,170 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे, जो 2018 में 41,167.7 करोड़ रुपये हो गया है।
2017-18 में ऑफ-बैलेंस शीट ऑपरेशन, विदेशी मुद्रा लेनदेन, जमा खातों और साइबर गतिविधि से संबंधित धोखाधड़ी मुख्य है। 2017-18 में बैंक धोखाधड़ी के 5,917 मामले थे, जो पिछले वर्ष के 5,076 मामलों के मुकाबले आधी हैं। आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि इस साल बैंकों ने सबसे अधिक साइबर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किये। 2017-18 में 2,059 मामलों में 109.6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि पिछले वर्ष 1,372 मामलों के साथ 42.3 करोड़ रुपये था ।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्ट में बताया है कि बैंकों ने वित्त वर्ष 2018 में फंसे कर्ज की रिकवरी में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। मार्च 2018 में खत्म वित्त वर्ष में बैंकों ने 40,400 करोड़ रुपये का बैड लोन वसूली हुई है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017 में 38,500 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी। इसका श्रेय इन्सॉलवेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड और सिक्यॉरिटाइजेशन ऐंड रिकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशल ऐसेट्स ऐंड इंफोर्समेंट ऑफ सिक्यॉरिटी इंटरेस्ट्स ऐक्ट में संशोधन को दिया गया है।