भारत के छोटे शहरों और गांवों से निकलकर भी बड़े सपने पूरे किए जा सकते हैं — इसका जीता-जागता उदाहरण हैं जशपुर, छत्तीसगढ़ के कवि प्रधान। 30 वर्षीय कवि प्रधान ने शिक्षा के कमजोर सिस्टम के बावजूद हार नहीं मानी। जहां कई स्टूडेंट्स हालातों के आगे झुक जाते हैं, वहीं कवि ने अपनी मेहनत और कुछ लोगों की मदद से स्कॉलरशिप द्वारा विदेश में पढ़ाई का मौका हासिल किया।
ये भी देखें –
UP Bundelkhand: हमारी लोक संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखना है। संस्कृति, शिक्षा और जागरूकता
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’
If you want to support our rural fearless feminist Journalism, subscribe to our premium product KL Hatke