लगातार छठी बार भारतीय जनता पार्टी ने 22 सीटों के अंतर से गुजरात विधानसभा चुनाव पर जीत हासिल कर ली है।
पांच साल पहले की तुलना में यह संख्या 54 सीटें या 59% कम हैं। 121 सीटों के साथ 1995 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से भाजपा के लिए इस बार सीटों की संख्या सबसे कम रही है।
इस बार कांग्रेस के खाते में 77 सीटें आई हैं। यह संख्या 1995 में 45 सीटें जीतनें के बाद से पिछले 22 वर्षों में सबसे ज्यादा है।
1995 में भाजपा के पहली बार गुजरात में सत्ता में आने के बाद से, राज्य के चुनावों में मुख्य रूप से दो–पक्षों की लड़ाई रही है, जिसमें दूसरा पक्ष कांग्रेस है। भाजपा ने लगातार अधिकांश सीटों पर कब्जा किया है और ज्यादा वोट हासिल किये हैं।
भाजपा ने 2002 के चुनावों में 49.8% वोट हासिल किये थे। जबकि 1995 में 42.5% से बढ़कर 2017 में वोटों का प्रतिशत 49.1 रहा है।
वहीं, कांग्रेस को 1995 में 32.8% से लगातार बढ़ते हुए 2017 में 41.4% तक वोट मिल सके है।
भाजपा ने अहमदाबाद, सूरत और राजकोट जैसे राज्य के शहरी हिस्सों पर अपना कब्जा बरकरार रखा है।
जबकि सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन व्यापार और वाणिज्य केंद्रों से दूर, कांग्रेस के पक्ष में वोटों की संख्या बढ़ी है।
एक अंग्रेजी अख़बार के अनुसार, भाजपा ने 73 शहरी सीटों में 55(75.3%) सीटें जीती हैं। बाकि की 18 सीटें कांग्रेस ने अपने खाते में की हैं। लेकिन मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों में, कांग्रेस ने 109 में से 62 सीटों (56.8%) जीती हैं जबकि भाजपा ने 43 सीटों पर कब्जा किया है।
विश्लेषणों के अनुसार, सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में, कांग्रेस को 54 में से 30 सीटें (55%) मिली हैं जबकि शेष 23 भाजपा के नाम रही हैं।
उत्तरी गुजरात में, कांग्रेस ने 32 सीटों में से 17 सीटें(53%)जीती हैं। दक्षिणी गुजरात में, राजकोट, भावनगर और पोरबंदर के शहरी क्षेत्रों में भाजपा ने 35 सीटों में से 25 सीटें(71%) जीती हैं।
मध्य गुजरात में, अहमदाबाद के आसपास के क्षेत्रों में और वडोदरा के शहरी केंद्र में, सत्ताधारी पार्टी ने 61 सीटों में से 37 सीटें(60.6%)जीती हैं।
फोटो और लेख साभार: इंडियास्पेंड