राष्ट्रीय अपराध के आंकड़ों के अनुसार, भारत में, 2016 में चार बलात्कार के मामलों में से एक बलात्कार के मामले में दोषी को सजा मिल पायी है।
बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी होती जा रही है। वर्ष 2011 में देशभर में बलात्कार के कुल 7,112 मामले सामने आए, जबकि 2010 में 5,484 मामले ही दर्ज हुए थे। आंकड़ों के हिसाब से एक वर्ष में बलात्कार के मामलों में 29.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
भारतीय दंड संहिता के तहत भारत में बलात्कार के लिए की सजा प्राप्तता दर25.5% है।
हरियाणा के पंचकुला में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अदालत ने मामला दर्ज किए जाने के 15 साल बाद गुरुमीत राम रहीम सिंह को 20 साल की सजा सुनाई। जो हमारे क़ानूनी कार्यवाही की प्रक्रिया की कमजोरी बताता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत पिछले 10 वर्षों में भारत में 278,886 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।
हरियाणा में बलात्कार के लिए सजा दर 24.7% थी, 2011 के बाद एक दशक में सबसे कम 23.4% रह गयी।
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2012 में रेप के 24,923, 2013 में 33,707 और 2014 में 36735 बलात्कार के मामले सामने आये।
यहाँ हर 13 घंटे में एक महिला अपने किसी करीबी के द्वारा ही बलात्कार की शिकार होती है। 2014 में बलात्कार की 674 वारदात को महिला के किसी करीबी ने ही अंजाम दिया। भारत में ना सिर्फ यहाँ की महिलाएं बल्कि बाहर से पर्यटन के लिए आई महिलाओं और लडकियों का भी बलात्कार किया गया।
इस साल के लिए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, नागालैंड 72.7% और मिजोरम 70.6% जबकि जम्मू–कश्मीर 7% और गुजरात 10.1% सजा मिलने वाले मामलों की स्तिथि है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत पिछले 10 वर्षों में भारत में 278,886 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं।
फोटो और लेख साभार: इंडियास्पेंड