जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव गुढ़ा कला के लोगन का आरोप है कि हम लोग पिछले साल मनरेगा के तहत तालाब मा खंती खोदै का काम कीने रहेन पूर एक साल होइगा,पैै मजदूरी नहीं मिली है। मजदूरी के रुपिया के मांग प्रधान से लइके ब्लाक तक मा कीने हन।
गांव के मुन्नी का कहब है कि या सोच के मजदूरी करे रहौं कि रुपिया मिल जई तौ खाना खर्चा खातिर रुपिया होई जई, पै का पता रहै कि मजूरी करैै के बादौ रुपिया खातिर परेशान होइत हन। या समय बीमारी का सीजन चलत है। पास मा एकौ रुपिया नहीं आय।
धनराज का कहब है कि गढ़ाही मा काम कीने रहौं। वहिकर मजदूरी का रुपिया अबैै तक नहीं मिला आय। मोर कुल पन्द्रह सोलह सौ रुपिया होत है। मजदूरी का रुपिया लें खातिर डी.एम. अउर कमिश्नर से कहे हौं। अबै मजदूरी नहीं मिली है। यहिनतान नन्दू का कहब है कि गरीब मड़ई आहिन। मजदूरी कइके अपने परिवार वालें का पेट भारत हौं। मजदूरी के छोड़ के अउर कउनौ दूसर काम भी नहीं आय के कई सकै। यहिसे हरतान से गरीब मड़ई के मरन रहत है। मजदूरी करै तौ अउर न करै तौ।
प्रधान सीमा देवी का मनसवा अवधेश कहिस कि मस्टर रोल भर के ब्लाक मा दई दीन गे है।
गांव के मुन्नी का कहब है कि या सोच के मजदूरी करे रहौं कि रुपिया मिल जई तौ खाना खर्चा खातिर रुपिया होई जई, पै का पता रहै कि मजूरी करैै के बादौ रुपिया खातिर परेशान होइत हन। या समय बीमारी का सीजन चलत है। पास मा एकौ रुपिया नहीं आय।
धनराज का कहब है कि गढ़ाही मा काम कीने रहौं। वहिकर मजदूरी का रुपिया अबैै तक नहीं मिला आय। मोर कुल पन्द्रह सोलह सौ रुपिया होत है। मजदूरी का रुपिया लें खातिर डी.एम. अउर कमिश्नर से कहे हौं। अबै मजदूरी नहीं मिली है। यहिनतान नन्दू का कहब है कि गरीब मड़ई आहिन। मजदूरी कइके अपने परिवार वालें का पेट भारत हौं। मजदूरी के छोड़ के अउर कउनौ दूसर काम भी नहीं आय के कई सकै। यहिसे हरतान से गरीब मड़ई के मरन रहत है। मजदूरी करै तौ अउर न करै तौ।
प्रधान सीमा देवी का मनसवा अवधेश कहिस कि मस्टर रोल भर के ब्लाक मा दई दीन गे है।
22/07/2016 को प्रकाशित
2015 में खंती खोदने का काम किया पर मजदूरी अभी तक नहीं मिली
बांदा की ग्राम पंचायत गुढ़ा कला के मज़दूर पहुंचे नरैनी तहसील