केन्द्र सरकार ने गरीबी दूर ओर पलायन रोके के लाने मनरेगा योजना लागू तो कर दई हे। पे आज भी काम न मिले के कारन आदमी परदेश जायें खा मजबूर हे।
जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव लुहारी को मजरा छेदामऊ। एते के पूरनलाल कहत हे की मोये परिवार मे पांच लोगन को परिवार हे। तीन बीघा जमीन हे ई साल सूखा के कारन कछू नई पैदा भओ हे। जाबकार्ड आठ साल से बनो हे पे काम नई मिलत हे। जीसे हम लोग सब्जी बेच के आपन परिवार चलाउत हे।
आशाराम ओर परशराम बताउत हे हमाये बच्चा स्कूल मे पढ़त हे जीसे हम बाहर मजदूरी करन नई जा पाउत हे। पन्द्रह किलोमीटर दूर चरखारी मे काम करन जात हे।
धरमपाल सिंह कहत हे की मोई दो बिटिया ओर दो लड़का हे, हमाये आठ साल से जाबकार्ड बने धरे हे। गांव मे एकऊ दइयां काम नई मिलो हे। पिछली साल तीन हजार रूपइया की चेक आई हती। दुबारा से एक रूपइया नई आओ हे। अपै्रल 2016 मे बिटिया की शादी करी हती। जीमें पचास हजार रूपइया कर्जा हो गओ हे। रात दिन सोचत हे की काम नई मिलत हे। कर्जा केसे चुकाहों। पिछली पंचवर्षीय मे एई प्रधान हतो ई साल भी एई प्रधान हे। पे हमाये एते काम के लाने ध्यान नई देत हे।
चरखारी बी.डी.ओ. महिमा विद्यार्थी कहत हे की माये पता नई हतो की ओते के आदमियन खा कामनई मिलत हे। न ही मोये एते अभे तक एसी कोनऊ सूचना आई हे। अब पता चलो हे तो छेदीमऊ मे भी काम लगवाओ जेहे। लुहारी गांव मे काम लगो हतो तो मेने सोचो की ओते के आदमियन खा काम मिलत हो हे।
रिपोर्टर – सुरेखा राजपूत