खबर लहरिया Blog छत्तीसगढ़ के बीजापुर क्षेत्र से 19 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, जानें वजह व किसकी रही भूमिका

छत्तीसगढ़ के बीजापुर क्षेत्र से 19 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण, जानें वजह व किसकी रही भूमिका

बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में एक जोड़ा भी था। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्म्सर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि माओवादियों की विचारधारा खोखली और अमानवीय है। उन्होंने हवाला दिया कि वरिष्ठ माओवादियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों का शोषण होता है और संगठन के अंदर में भी बहुत मतभेद है। 

"19 Maoists Surrender in Chhattisgarh's Bijapur District, know Why and the Number of Maoists Who Have Surrendered This Year"

सांकेतिक तस्वीर (फ़ोटो साभार – पीटीआई)

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से कम से कम 19 माओवादियों ने सोमवार, 17 मार्च को सुरक्षा बालों के सामने आत्मसमर्पण कर लिया। इनमें से 9 माओवादियों के ऊपर 25 लाख रुपए का इनाम भी था, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया। 

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आत्मसमर्पण को लेकर माओवादियों ने क्या कहा?

बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में एक जोड़ा भी था। पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्म्सर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि माओवादियों की विचारधारा खोखली और अमानवीय है। उन्होंने हवाला दिया कि वरिष्ठ माओवादियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों का शोषण होता है और संगठन के अंदर में भी बहुत मतभेद है। 

उन्होंने आगे कहा कि वे सुरक्षा बालों के बढ़ते प्रभाव से भी प्रभावित हुए हैं। इसमें कैंपों की स्थापना और ‘निया नेलानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना शामिल है। जानकारी के अनुसार, इसके तहत अधिकारियों ने दूरदराज़ के क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और विकास कार्यों को पूरा करने की कोशिश की है। 

बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी माओवादी आंध्र ओडिशा बॉर्डर (AOB) और पामेड क्षेत्र समिति में अलग-अलग भूमिकाओं में सक्रिय थे। 

बता दें, पामेड क्षेत्र समिति, बीजापुर जिले में माओवादी संगठन द्वारा स्थापित एक क्षेत्रीय इकाई है। यह समिति माओवादी गतिविधियों और उनके ऑपरेशन चलाने में ज़रूरी भूमिका निभाती है। मौजूदा जानकारी का अनुसार, इस समिति का मुख्य उद्देश्य माओवादी विचारधारा को फैलाना और अपने संगठन के नेटवर्क को मज़बूत करना है। 

माओवादियों पर था इतना इनाम 

रिपोर्ट्स के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में से देवा पदम (30 वर्ष) और उनकी पत्नी दुला कलमु (28 वर्ष), जो बटैलियन नंबर 1 में वरिष्ठ सदस्य के रूप में सक्रीय थे, दोनों पर 8 लाख रुपयों का इनाम था। 

वहीं सुरेश कट्टम (21 वर्ष), जो एक क्षेत्र समिति का सदस्य था, उस पर 5 लाख रुपयों का इनाम था। एक अन्य आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी पर 2 लाख रुपयों और पांच अन्य माओवादियों पर 1 लाख रुपयों का इनाम था। 

इनकी वजह से माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्यबल, सीआरपीएफ और इसकी विशेष इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन) ने माओवादियों के आत्मसमर्पण में अहम भूमिका निभाई है। 

इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को 25 हज़ार रूपये की सहायता भी दी गई है और उन्हें सरकार की नीति के अनुसार पुनर्वासित किया जाएगा।

अब तक इतने माओवादियों ने किया आत्मसर्मपण 

द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल में अब तक बीजापुर जिले के बस्तर क्षेत्र से 84 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं पिछले साल, बस्तर क्षेत्र से सात जिलों में 792 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था।

 

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