बांदा सीट से भाजपा के सांसद आर.के सिंह पटेल, पूर्व सपा विधायक वीर सिंह सहित 18 लोगों को 21 नवंबर को चित्रकूट ज़िले की सी.जे.एम कोर्ट ने 13 साल पुराने धरना प्रदर्शन के एक मामले में सजा सुनाई है। बता दें कि 15 लोगों को एक साल और 3 लोगों को तीन महीने की सज़ा हुई है।
मामला सितंबर 2009 का है जब प्रदेश में बसपा की सरकार थी। उस समय सपा ने सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और तब आर.के पटेल सपा से सांसद थे। आर.के पटेल समेत अन्य लोगों पर आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस पर पथराव किये थे, पुतला दहन किया था और और प्रदर्शन के दौरान ट्रेन भी रोकी थी। सांसद आर.के पटेल के ऊपर यह भी आरोप है कि उनकी ही निगरानी में उस पूरे प्रदर्शन को अंजाम दिया गया था।
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विपक्षी पार्टी के नेताओं ने प्रदेश सरकार की नीतियों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया था और सभी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया था। इस मामले में सी.जे.एम अदालत ने सभी को प्रदर्शनकारियों को दोषी ठहरा दिया है। आरोपियों के परिवार और जानकारों से मिली जानकरी के अनुसार कोर्ट ने एकतरफा होकर सज़ा सुनाई है। सिर्फ पुलिस की बातों पर यकीन कर के कोर्ट ने फैसला लिया है। लोगों का कहना है कि कोर्ट को उन लोगों से भी बात करनी चाहिए थी जो लोग उस जगह पर रहते हैं जहाँ प्रदर्शन हुआ था।
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परिवार वालों की मानें तो पुलिस द्वारा लगाए गए सभी इलज़ाम झूठे हैं और पूरा धरना प्रदर्शन शांतिपूर्वक हुआ था।
खबर लहरिया ने इस मामले में सांसद आर. के. पटेल से भी बात करने की कोशिश की लेकिन फिलहाल वो दिल्ली में है, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई। सूत्रों की मानें तो जिन लोगों को सज़ा सुनाई गयी है, वो अब उच्च न्यायालय में जाकर अपील करेंगे और सी.जे.एम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले के खिलाफ खड़े होंगे।
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