वेबसाइड कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के अनुसार पिछले 16 सालों में दुनिया के 1,305 पत्रकारों में से 47 पत्रकार अकेले भारत में मारे गए हैं। 15 जून 2018 राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी आतांकियों की गोलियों से मारे गए। वहीं पिछले साल गौरी लंकेश की बेंगलूरु में हत्या हुई थी। बिहार के नवीन सिंह, विजय सिंह और मध्य प्रदेश के संदीप शर्मा को उनके वाहन सहित रौंदकर मारा गया था।
16 साल में 47 पत्रकारों की हत्या को औसत तौर पर देखें तो हर साल तीन पत्रकारों की हत्या हुई है। 33 पत्रकारों को निशाना बनाकर मारा गया है, इनमें से 32 पत्रकारों की हत्या निर्दयता के साथ की गई। वहीं रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर के अनुसार प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत का 138 स्थान 180 देशों के बीच है, जो पिछले साल के हिसाब से दो पायदान नीचे गिरा है। इस सूची में उत्तर कोरिया को अंतिम स्थान मिला है.