खबर लहरिया Blog Tamil Nadu minor rape: तमिलनाडु में 13 वर्षीय नाबलिग के साथ सरकारी शिक्षकों ने किया बलात्कार

Tamil Nadu minor rape: तमिलनाडु में 13 वर्षीय नाबलिग के साथ सरकारी शिक्षकों ने किया बलात्कार

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे भी सिर्फ नारे बनकर रह गए हैं। जहां बेटियों को पढ़ने के लिए भेजा गया है और जिन्हें बेटियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई उन्होंने ही बेटियों के साथ यौन हिंसा की। इस तरह की घटनाओं की वजह से ही स्कूल की दीवारों के बीच भी बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती।

ग्रामीणों ने घटना को लेकर प्रदर्शन किया। (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के बरगुर में स्कूल की 13 वर्षीय छात्रा के साथ सरकारी स्कूल के शिक्षकों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। यह घटना मंगलवार 4 फरवरी, 2025 को सामने आई। लड़की की माँ की शिकायत के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया और 15 दिन की हिरासत के लिए भेज दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब 8 वीं कक्षा की छात्रा 3 जनवरी से ही स्कूल नहीं आ रही थी। स्कूल के प्रिंसिपल ने छात्रा के घर जा कर पूछताछ की तब जाकर छात्रा की माँ ने घटना को बताया। पुलिस की जानकारी के अनुसार, पहले एक शिक्षक ने लड़की के साथ बलात्कार किया। इसके बाद 2 अन्य शिक्षकों को इसमें शामिल कर लिया। कृष्णागिरी के जिला कलेक्टर सी. दिनेश कुमार ने तीनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया है।

पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज

सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल ने तुरंत इस घटना की शिकायत पुलिस को दी। इसके साथ ही जिला बाल संरक्षण अधिकारी को मामले की रिपोर्ट करने को कहा।

आरोपियों के नाम

इस मामले में आरोपियों की पहचान 48 वर्षीय अरुमुगम, चिन्नासामी 57 साल और वर्षीय प्रकाश 37 साल के रूप में की गई। ये सभी आरोपी कृष्णागिरि के बरगुर तालुक में पंचायत यूनियन मिडिल स्कूल में शिक्षक थे।

जिला कलेक्टर दिनेश कुमार ने यह भी बताया कि छात्रा को मनोचिकित्सकों और मनोवैज्ञानिकों से मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जा रही है।

इस तरह की घटना सुनकर व पढ़कर लड़कियों के प्रति चिंता और बढ़ जाती है। स्कूल के शिक्षक इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं, ये सच में चौंका देने वाला है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे नारे भी सिर्फ नारे बनकर रह गए हैं। जहां बेटियों को पढ़ने के लिए भेजा गया है और जिन्हें बेटियों को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई उन्होंने ही बेटियों के साथ यौन हिंसा की। इस तरह की घटनाओं की वजह से ही स्कूल की दीवारों के बीच भी बेटियां खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पाती।

 

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