बांदा जिले के नरैनी ब्लाक अंतर्गत आने वाले पिपरहरी गांव के रामू सिंह का आरोप है कि बिजली विभाग द्वारा अचानक अक्टूबर 2020 में उसके घर में छापेमारी की गई और पूरे घर के फोटो वीडियो लिए गए इसके बाद चक्की चलाने का भी आरोप लगा कर 13 हजार बिजली बिल का नोटिस भेजा गया है। न्याय पाने के लिए विभाग के चक्कर काट काट कर परेशान है। रामू सिंह का कहना है कि वह एक गरीब व्यक्ति है और मेहनत मजदूरी करके अपना परिवार पालता है।
उसके पास रहने के लिए पूरी तरह से घर तो है नहीं झोपड़ियों में पढ़ने डालकर रहता है। अभी कुछ दिन पहले लड़का बाहर प्राइवेट नौकरी करने लगा है। तब जाकर उसने इसे लेकर बाहर का फाउंडेशन करवा कर दरवाजा लगवाया है ऐसी स्थिति में वह ₹13000 कैसे भरें इसलिए वह चाहता है कि वह दोबारा से उसके घर की अच्छे से जांच करें और इसके बाद अगर वहां पर कुछ पाया जाता है। तो फिर कार्यवाही करें लेकिन उसे इस तरह फसाया जाए।क्योंकि उसके लिए एक एक रुपए मुश्किल है तो ₹13000 बहुत ही मायने रखता है तो वह कैसे भरेगा।
उसका यह भी कहना है कि अगर मुझे चोरी में फंसाया गया है तो मुझे दिखाएं कि मैं कहां पर चक्की लगवाए हुए हैं और रही बात घर के जलाने की तो मेरे घर में खुद में मीटर लगा हुआ है, तो मैं चोरी क्यों करूंगा लेकिन जांच टीम ने पता नहीं कैसे जांच किया है की मेरे ऊपर इस तरह का आरोप लगाकर मुझे गरीब जानकर फंसा दिया गया है।
बिजली विभाग बांदा के अधिशासी अभियंता अजय कुमार सविता का कहना है कि वह लोग चोरी से बिजली जलाते थे और इस की टीम द्वारा जांच की गई है। सभी कार्रवाई हुई है ऐसे कोई मामला नहीं हुआ उसको लगता है। कि यह गलत है तो वह उसके पूरे साथ इकट्ठा करें।