कोरोनावायरस के मामले अब एक अलग ही ऊंचाई छू रहे है। हर दिन के साथ संक्रमण लोगों में बहुत ही तेज़ी से एक बार फिर फैल रहा है। आज 7 अप्रैल को एक बार फिर कोरोना संक्रमण के लगभग 1 लाख 15 हज़ार से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बुधवार सुबह ज़ारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 115,736 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 12,801,785 हो गई है।
वहीं इस दौरान 630 मरीजों की मौत हुई है और मौत का आंकड़ा 1,66,177 हो गया है। देश में इस समय कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 8 लाख के आंकड़े को पार करके 8 लाख 43 हजार 473 हो गई है। जो कि कुल मामलों का 6.59 फीसदी है। 8 लाख चिंताजनक मामलों को मापने की एक तय सीमा थी, जो कि अब बढ़ चुकी है।
कोरोना से ठीक हुए मरीजों के आंकड़े
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में सक्रिय मरीजों की संख्या में 55,250 की बढ़ोतरी हुई है।
अगर कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की बात करें तो पिछले 24 घंटे में 59,856 मरीज ठीक हो चुके हैं। जिसके बाद संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की संख्या की कुल संख्या 11,792, 135 हो चुकी है।
परेशान करने वाली बात ये है कि रिकवरी रेट यानी ठीक होने के आंकड़ो में गिरावट देखने को मिली है। यह 92.11 फीसदी पर आ गया है और मृत्यु दर 1.30 फीसदी पर पहुंच गई है।
कोरोना में हुई सबसे ज़्यादा बढ़ोतरी के आंकड़े
5 अप्रैल को पहली बार एक लाख का आंकड़ा पार हुआ था। जब 24 घंटे में 1 लाख 3 हजार नए मामले सामने आए थे। वहीं इससे पहले 17 सितंबर 2020 को सबसे ज़्यादा मामले आए थे। उस समय 24 घंटों में 97,895 नए मामले सामने आए थे।
कोविड-19 के 1 करोड़ 28 लाख मामले 433 दिन में पाए गए। इसका मतलब यह है कि कोरोना वायरस से फैलने वाली महामारी की जड़े बहुत समय से लोगों को जकड़े हुई हैं।
1 से 7 अप्रैल के बीच के कोरोना आंकड़े
1 अप्रैल 1,22,21,665 1 दिन
2 अप्रैल 1,23,03,131 1 दिन
4 अप्रैल 1,24,85,509 2 दिन
5 अप्रैल 1,25,89,067 1 दिन
6 अप्रैल 1,26,86,049 1 दिन
7 अप्रैल 1,28,01,785 1 दिन
भारत में इस रोग की चपेट में आने वालों की संख्या पहली बार 1 लाख यानी 1,00,000 तक पहुंचने में 110 दिन का समय लगा था। लेकिन उसके बाद तेज़ी बढ़ती चली गई और देश में एक–एक लाख नए मामले सिर्फ एक–दो दिन में ही जुड़ने लगे। जब वैक्सीन लगाने की शुरुआत हुई तो मामलों में कुछ गिरावट आई। लेकिन इसके बाद भी महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही।