10 अगस्त 2020 , सोमवार 3 :30 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ‘ आत्मनिर्भर भारत सप्ताह ‘ की शुरुआत करेंगे। ये खबर रक्षा मंत्री कार्यालय ने 9 अगस्त रविवार की शाम को ट्वीट करके दी। 9 अगस्त के ही दिन रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ाने के लिए हथियारों के आयात पर रोक लगा दी। इसमें 101 हथियार शामिल है , जिन पर ‘ एम्बार्गो ‘ ( प्रतिबंध ) लगाया गया है। 2020 से 2024 तक हथियारों के आयात पर एम्बार्गो लगाया गया है। इन हथियारों में क्रूज़ मिसाइलें , मालवाहक विमान, तोपवाली बंदूके, हल्के हेलिकॉप्टर, राइफल, सोनार प्रणाली, रडार, परिवहन विमान आदि शामिल है।
हथियारों पर लगाए गए प्रतिबंध को रक्षा मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बहुत बड़ा कदम बताया। यह भी कहा कि जो हथियार प्रतिबंधित सूचि में नहीं है, रक्षा उद्योग उन सामानो को खुद बना सकता है। हथियारों को अपनी सोच और डिज़ाइन के अनुसार रूप दे सकता है। इससे सेना की विशेष बलों और आवश्यकताएं की पूरी हो सकती है। आप उनका यह ट्वीट यहां पढ़ सकते हैं
इसी सन्दर्भ में मुझे यह बतलाते हुए ख़ुशी हो रही है कि हमने पहली बार 101 items की ऐसी सूची निकाली है जो अब हम import नहीं करेंगेI इस सूचि को हम Negative list कहते हैं, जिसमें सिर्फ small items नहीं बल्कि high और critical technology वाले weapon systems भी हैं: रक्षा मंत्री
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) August 10, 2020
अप्रैल 2015 से अगस्त 2020 के बीच त्रि –सेवाओं द्वारा 260 योजनाओ के लिए 3.5 करोड़ की लागत से कॉन्ट्रैक्ट किया गया था। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि आने वाले छह से सात सालों में 4 लाख करोड़ के कॉन्ट्रैक्ट घरेलू उद्योगों के लिए रखे जाएंगे। जिससे की देश में घरेलू उत्पादनो का उद्योग बढ़ेगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 52,000 करोड़ का बजट अलग से घरेलू उत्पादों के लिए बनाया गया है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि अनुमानित तौर पर सेना और वायु सेना के लिए 1,30,000 करोड़ और नेवी सेना के लिए 1,40,000 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।
MoD has also bifurcated the capital procurement budget for 2020-21 between domestic and foreign capital procurement routes. A separate budget head has been created with an outlay of nearly Rs 52,000 crore for domestic capital procurement in the current financial year.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 9, 2020
राजनाथ सिंह ने अपने ट्वीट में कहा ‘यह आत्मनिर्भर भारत कैसा होना चाहिए इसको लेकर किसी के मन में कोई भ्रम नही होना चाहिए। प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व में एक ऐसे आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा जो रोटी, कपड़ा, मकान के साथ साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में भी आत्मनिर्भर होगा।‘
उन्होंने कहा कि 2017 में “जब प्रधानमंत्रीजी के नेतृत्व में चम्पारण सत्याग्रह के सौ साल पूरे होने पर देश में नए भारत के निर्माण का उद्घोष किया गया था। अब प्रधानमंत्रीजी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब हम नए भारत की नींव रखेंगे तो वह आत्मविश्वास से भरपूर होने के साथ–साथ आत्मनिर्भर भी होगा। “
12 मई 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रूपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। आर्थिक पैकेज के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 15 घोषणाएं की थी। जिसमें 6 घोषणाएं छोटे उद्योगों के लिए, 3 टैक्स से जुड़ी, 2 कर्मचारी भविष्य निधि पर, 2 गैर–बैंकिंग वित्तीय कम्पनी के लिए और एक–एक घोषणा पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों और स्थिर सम्पत्ति सेक्टर के लिए थीं। आर्थिक पैकेज की घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान को देखते हुए की गयी थी ताकि हर व्यक्ति इसका लाभ उठा सके और आत्मनिर्भर बन सके।
पैकेज के लाभ
इससे 10 करोड़ मजदूरों, उद्योग से जुड़े 3.8 करोड़ लोग और कपड़ा उद्योग से जुड़े 4.5 करोड़ कर्मचारियों को लाभ होगा। ये आर्थिक पैकेज कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, छोटे उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा। अधिकतर लोग अपनी जीविका छोटे उद्योगों में काम करके ही चलाते है। इस पैकेज से गरीब मजदूर, किसान ,प्रवासी मज़दूर , कपड़ा उद्योग और अन्य उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारियों को फ़ायदा होगा। इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति सरकार से अपने छोटे उद्योग को खोलने के लिए धन की सहायता ले सकता है। जब व्यक्ति खुद अपने उद्योगों की शुरूआत करेगा तो उससे ही वह आत्मनिर्भर बनता चला जाएगा।
सरकार द्वारा लोगो के लिए आर्थिक योजनाएं लागू करने के बाद भी लोगो की स्थिति वही है। उद्योगों में लोगो के लिए काम नहीं है। युवा बेरोज़गार है। ग्रामीण इलाको में रहने वाले लोगो को पता ही नहीं है की योजना का लाभ कैसे उठाना है। सरकार की ऐसी योजनाएं जो ग्रामीण इलाकों तक पहुंच ही नहीं पा रही , वह योजनाएं आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कैसे करेंगी? जबकि देश की आधी आबादी तो गांवो में ही रहती है। आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने के लिए सबके पास योजनाओं तक पहुँचने का साधन और जानकारी ज़रूरी है। ऐसे में जब लोगो को पता ही नहीं कि योजनाओ का लाभ कैसे उठाना है तो वह योजना लोगो के लिए किस काम की है ।