होली खेलब अच्छी बात आय लकिन अगर पर्यावरण कै नुकशान हुवय तौ। जी हाँ होली खेलै से प्रदूषण अउर होलिका दहन से वायु प्रदूषण, रंग से स्वास्थ्य कै नुकसान तौ यहि बात पै आवा जाना जाय फैजाबाद के मनइन कै विचार।
कंचनलता शुक्ला कै कहब बाय कि अगर रंग खेलत अहैं तौ केमिकल युक्त रंग देखिके होली खेलै हम तौ कहब की रंग इस्तेमाल ही न करै। गुलाल इस्तेमाल करै अउर गेदहरन का भी सिखावै। अरबिंद कुमार कै कहब बाय की रंग खेलै से पहिले तेल लगाय लियै जेसे चमड़ी का रंग नुकशान न करै। मधुश्री बताइन कि होली मा जहाँ तक होय सकै रंग कै प्रयोग न करै। अगर उपयोग करै तौ अच्छा रंग लावै। रामजनम यादव बताइन कि सबसे मिलके स्नेह अउर प्यार से होली मनावै अउर भाई चारा से होली मनावै।
डाँक्टर सतीराम राजभर मेडिकल ऑफिसर कै कहब बाय कि रंग खेलै का बाय तौ नेचुरल खेलै काहे से रंग कै काफी दुश्प्रभाव पड़ाथै। आँख कै दिक्कत, त्वचा पै पर जाय तौ काफी नुकसानदायक हुआथै। जेसे हमरे सबका केमिकल युक्त रंग कै प्रयोग करै का चाही।
रिपोर्टर-कुमकुम यादव