होली अउतै ही मिठाई के दुकान पै छापेमारी शुरु होइगै। त्यौहार जेतना करीब आवाथै शासन प्रषासन भी मिलावट करै वालेन पै वतना ध्यान दियै लागा थै। कहूं मिलावट करै वाले कै दुकान सीज हुवत बाय तौ कहूं लाइसेंस न हुवय के कारण चालान हुवत बाय। अउर कहूं घी तेल कै मिलावटी डिब्बा पकड़ा जात बाय।
सिर्फ त्यौहार के समय यतनी जांच हुआथै। राषन वितरण हुआथै तौ मनई का कम राषन दिया जाथै अउर कभौ-कभौ वकै गुणवत्ता भी ठीक नाय रहत है। गेहूं काला अउर सड़ा रहाथै। मनई लियै से मना करा थे तौ ई हुआथै कि जेकरे नम्बर मा जवन बाय उहै लियै। अउर उहै लियै का पराथै। मिड डे मील जवन पूरे देष मा स्कूलन मा बनाथै। जेहमा कहूं नियम के अनुसार तौ कहूं बनबै नाय करत। जब बनबौ कराथै तौ वतनी पौष्टिकता नाय रहत। आंगनवाड़ी केन्द्रन पै पंजीरी कै बात कीन जाए तौ वहि प्रकार से नाय रहत जेतना कि पौष्टिकता से भरी रहै का चाही। जवन की बच्चन, अउर गर्भवती मेहरारु के स्वास्थ्य के ताई हुआथै। पर यहि सब चीजन पै यतना सख्ती से जांच कभौ नाय भै जेतना सख्ती से त्योहारन पै जांच हुआथै।
अब सवाल ई उठाथै कि षासन प्रषासन का होली, दिवाली, रक्षाबन्धन जैसे त्योहार पै ही मिलावट कै चिन्ता काहे सतावाथै। पूरे साल काहे नाय? पूरे साल यतनै कड़ी निगरानी कीन जाए तौ खरीदारन का सही सामान मिल सके। मिलावट खोरन के प्रति अभियान चलाय जाये तबै उपभोक्तन का राहत मिले।
होली अउतै छापेमारी षुरु
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