हिमाचल प्रदेश में भाजपा ने 68 विधानसभा सीटों में से 44 सीटों पर जीत दर्ज की। यहीं 2012 में भाजपा का वोट 26 सीट था। वोट की संख्या देखें तो 1982 में राज्य में पहली बार चुनाव लड़ने के बाद से भाजपा का यह सबसे बेहतर प्रदर्शन है। वहीं कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 68 सीटों में 21 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि 2012 में कांग्रेस का वोट 36 सीट था।
9 नवंबर, 2017 को हुए विधानसभा चुनाव में राज्य में सबसे ज्यादा वोट देने का प्रतिशत 74.61 रहा, जबकि 2003 में ये प्रतिशत 74.51 था। हिमाचल की शिशु मृत्यु दर 1,000 जन्मों पर 28 मौतें हैं। बेहतर लिंग अनुपात है, 1,000 पुरुषों पर 1,078 महिलाएं हैं। महिलाओं के खिलाफ का प्रतिशत 100,000 आबादी पर 35.2 अपराध है। हिमाचल में 2017 के विधानसभा चुनावों में 338 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा है जिनमें से केवल 5 प्रतिशत यानी 19 महिला उम्मीदवार थी।2017 विधानसभा चुनावों में भाजपा का वोट प्रतिशत सबसे बेहतर रहा है और 2012 की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है। इससे पहले 1990 में जीतीं भाजपा की सीट 46 थी। हालाकि 2017 में कांग्रेस ने भी कम ही गिरावट दर्ज की है। भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल सुजनपुर से कांग्रेस के राजिंदर राणा से 1,919 वोटों से हार गए। यहीं भाजपा के रतन सिंह पाल को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 6,051 मतों के अंतर से आर्की से हारा दिया। वीरभद्र सिंह के पुत्र कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा के प्रमोद शर्मा के खिलाफ 4,880 मतों के अंतर के साथ शिमला ग्रामीण की सीट जीती है। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में में जीत दर्ज करने के साथ भाजपा 29 राज्यों में से 19 राज्यों पर शासन कर रही है।
लेख साभार: इंडियास्पेंड