सुरों के ताल से ताल मिलाने आ गये है ललितपुर के भैरा गांव के रहने वाले देवेन्द्र सिंह राजपूत जो हारमोनियम बनाने के साथ साथ बजाते भी है।
देवेन्द्र सिंह राजपूत का कहना है कि मैंने तो हारमोनियम बनाना और बजाना अपने पिताजी से सीखा है। परन्तु मेरे पिताजी ने ईश्वर की कृपा से सीखा है। हारमोनियम बनाने के साथ साथ संगीत का सामान ढोलक और झूला भी बनातें हैं। बेचनें के लिए हम आर्गन भी मंगाते है क्योंकि हम इन्हें बना नहीं सकते है। कम्पनी का सामान होता है वो ग्राहकों के आर्डर देने पर बाहर से मंगाते है। पिताजी को संगीत में बहुत रूचि थी वो अपने स्कूल के समय में हारमोनियम खरीदनें के लिए अपनी साइकिल बेंच दी थी। पिताजी को संगीत से बहुत लगाव था अपनी लगन और रूचि के कारण हारमोनियम बनाना सीखें है।
बाईलाइन-राजकुमारी
Published on Nov 20, 2017