चित्रकूट जिले के अधिशासी अभियंता राजमणि विश्वकर्मा की मानें तो यहां के ग्रामीण इलाकों में पंद्रह घंटे बिजली दी जाती है। लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। यहां बमश्किल तीन से चार घंटे ही बिजली रहती है। इसके अलावा जिले की तीन सौ तीस ग्राम पंचायतों में से पिचहत्तर प्रतिशत पंचायतों का विद्युतीकरण होने की बात भी कही। मगर ज़मीनी हकीकत देखते हुए तो यह विद्युतीकरण कागजी ही साबित होता है। लोग लगातार धरना देते हैं शिकायत करते हैं। मगर स्थिति जस की तस है। बिजली चोरी की बात कर्वी एस.डी.एम रजनीश कुमार खुद अपने मुंह से कह रहे हैं। उनका कहना है कि चोरी से बिजली दूसरे जिलों में फैक्ट्री के लिए भेजी जा रही है। मगर सवाल तो यह है कि इस चोरी पर नज़र कौन रखेगा?
जिला चित्रकूट। जि़ले के पांचों ब्लाकों की जनता बिजली कटौती और कम पावर की समस्या से जूझ रही है। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में तो आज भी घर के बाहर पंखा झलते लोग ही दिखाई देते हैं, रात में बल्ब की नहीं दिए की रोशनी से ही गुजारा होता है।
मऊ ब्लाक के लगभग पचास लोगों ने मिल कर 8 अगस्त को बिजली पावर हाउस में प्रदर्शन किया। लेकिन इस पर बिजली विभाग मऊ के जे.ई. ने कहा, ‘हम क्या करें? कटौती सरकार करवा रही है।’ प्रदर्शन देख मौके पर तहसीलदार गुलाब सिंह पहुंचे और उन्होंने बिजली व्यवस्था ठीक करवाने का जुबानी वादा किया। प्रदर्शन खत्म हो गया मगर बिजली की हालत नहीं सुधरी।
मानिकपुर ब्लाक से जुड़ी बासठ ग्राम पंचायतोें समेत मानिकपुर कस्बा बिजली कटौती के कारण पानी न मिलने से परेशान है। 9 अगस्त को मानिकपुर बाजार बंदकर लोगों ने धरना प्रदर्षन किया। एस.डी.एम. की गाड़ी रोक अपना गुस्सा दिखाया। कस्बे के राजू ,कमलेश, सोहन, राहुल समेत हज़ारो लोग इसमें शामिल में थे। ‘बिजली न रहने के कारण हम पर दोहरी मार पड़ती है एक तो बिजली गुल उस पर पानी के लिए भी भटकना पड़ता है।
लटकते तारों का जोखिम
पहाड़ी ब्लाक के गांव खोपा में 10 अगस्त की रात एक बजे ग्यारह हज़ार वोल्ट का तार गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगो की मौत हो गई। इस गांव में यह समस्या पिछले छह सालों से थी छह माह पहले भी तार टूटने से इन्हीं परिवारों के दो दर्जन जानवर मर गए थे। लेकिन आज भी तार वैसे ही लटक रहे हैं।
पहाड़ी ब्लाक के कार्मचारी गांव में 11 अगस्त को जानवरों को चारा डाल रही फूला के ऊपर बिजली का तार गिरने से वह झुलस गई। दो जानवरों की भी मौत हो गई।
20 जुलाई को खटवारा गांव में सुशील कुमार की मौत भी बिजली के तार गिरने से ही हो गई। खटवारा गांव में बिजली के तार ज़मीन से छह फीट ऊचाई पर लटक रहे हैं।
26 जुलाई को ही मानिकपुर अतरी पुरवा में राज बाहदुर नाम के व्यक्ति करंट लगने से झुलस गया। हाई टेंशन तार इतने नीचे लटकते रहते हैं कि खेत में काम करते समय ट्रैक्टर से छू जाते हैं।
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