फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा राइसस्पा रोग लागै से धान कै पत्ती सफेद होय जात बाय। अउर धान कै सींका कीट काटि दियत अहैं। यसे बचावै के ताई किसान कीटनाषक दवा के ताई गोदाम कै चक्कर लगावत अहैं। लकिन समस्या ई बाय कि जब जिला पै कीटनाषक दवा नाय बाय तौ गोदाम पै कहां से रहे? कहा जाथै कि बारिस से खुद ब खुद कीड़ा खतम होय जइहैं।
किसानन कै कहब बाय कि हर फसल के ताई कीटनाषक दवा नाय मिल पावत। जब गेहूं धान बोवै का हुवय तौ बीज कै दिक्कत अउर जब खाद डारै का हुआथै तौ खाद कै। अउर अब कीटनाषक दवा कै बहुतै जरुरत बाय तौ कीटनाषक दवा कै के ताई प्राइवेट दुकान कै सहारा लियै का परत बाय। यइसे मा किसानन कै सारी फसल चैपट होय जाथै। भारत कृषि प्रधान देष माना जाथै लकिन जब समय पै बीज अउर खाद मिले तबै तौ अच्छी फसल कै पैदावार होये। जहां नहर या सरकारी नलकूप कै साधन नाय बाय वहिं किसानन कउनौ तरह प्राइवेट कै सहारा लियाथे। ई आषा मा कि होय सकाथै कि बारिस होय जाए अउर कम सिंचाई करै पै कुछ फसल पैदा होय जाए। लकिन उनकै चिन्ता तब बढ़ाथै जब फसल कीड़ा काटि दियाथिन अउर दवा नाय मिलत।
वरिष्ठ कृषि रक्षा सहायक डाक्टर आर. डी. वर्मा कै कहब बाय कि खपत के अनुसार दवा कै मांग कीन जाथै। अबकी बार खरीफ के फसल के ताई दवा नाय आय बाय। जवन पुरानी दवा रही उहै बांटीगै बाय। अउर खरीफ के फसल के ताई कउनौ दवा भी ना आये। यइसे मा किसानन का प्राइवेट दुकान कै सहारा न चाहते हुए भी लियै का परत बाय।