इस समय पूरा बनारस के जउन बड़ी बड़ी सड़क हव सब बनत हव। डी. एम. के आदेष के अनुसार सब सड़क चैड़ा होत हव। काहें से कि लोग के आवे जाए में दिक्कत के सामना ना करे के पड़े। इ त भयल बनारस के मेन सड़क के बात। लेकिन वहां के का हाल हव जहां से असली बनारस शुरू होला। जहां बनारस के खूष्बू बसला यानि की गावं के रास्ता के।
सरकार भी बड़ा अनोखा काम करल करला। उ सड़क त चमकावत जहां ढेर भीड़ होला जहां हर समय लोग आवल जाल करलन। लेकिन उ सड़क के बारे में नाहीं सोचत हव। जहां से इ भीड़ आवला। शहर के सड़क चमक के का होई जब गावं के सड़क चले लायक ना रही। आखिर वहीं से त लोग आवलन। गावं के सड़क के इ हाल हव कि अहीसहीं मिट्टी फेंक के छूटल हव वही पर घास इ सब जमत हव। रात के आवे जाए में भी डर लगला। कहीं कहीं बड़ी मुष्किल से सड़क मिल जाला।
अगर सरकार के बनारस के सड़क सही करवावे के हव आउर बनारस के एक अलग आउर तरक्की के रास्ता पर लेके जाएके हव त शहर त सबके के धियान में हव ही। सबके नजर उठा के गावं के तरफ गौर से देखे के पड़ी की आखिर एक कृषि प्रधान देष के गावं के सड़क के असली हालत का हव।
हर जगह हव टूटही सड़क
पिछला लेख