गर्मी बीतने वाली है और बरसात आ गयी लेकिन अभी तक सफाई पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। आखिर क्यों जब गंदगी से बीमारियां और फैलती हैं। लोगों को कई तरह की परेशानी होने लगेगी। हर जगह गंदगी पड़ी है। स्टेशन, बस अड्डा, नाली, नाले, मैदान, गलियां, अस्पताल, मोहल्ला हो या मेन सड़क हर जगह गंदगी नजर आती है।
गुलजार नगर जाने पर इतना कूड़ा लगा रहता है जबकि उसी रास्ते से लोग आते-जाते है और अक्सर कूड़ा सड़क पर ही फेंक देते है। सड़क के किनारे इतना कूड़ा जम जाता है कि लोगों का आना जाना मुश्किल हो जाता है और यहां तक कि लोग कूड़े में फंसकर गिर भी चुके हैं। इसकी जिम्मेदारी आम जनता लेगी या नगर निगम ? लोग कूड़ा कचड़ा अपने घरों से निकाल कर फेंके तो कहां फेकें ? जब पार्को और मांलो में कूड़ादान रखा होता है तो क्या जगह-जगह सड़कों पर भी नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं बनती कि कूड़ादान रखवाये ?
ऐसा सिर्फ लखनऊ में भी नहीं बल्कि लखनऊ के कई ब्लाक और कई गांवों में भी है। गोसाईगंज के सठवारा गांव की सभी नालियों पर पटिया रखवा दी गयी है। लेकिन पटिया इतनी भारी है कि सफाई कर्मचारी से उठाते नहीं बनता है। जिस कारण सारा कूड़ा अन्दर ही सड़ता रहता है और पूरे इलाके में बदबू की वजह से लोगों का घरों से बाहर निकलना मुसीबत बन गया है। गांवो में एक हजार की आबादी पर एक सफाईकर्मी नियुक्त किया जाता है। तो एक सफाईकर्मी कहां-कहां साफ करेगा।?
हर जगह गंदगी क्यों?
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