केंद्र ने देश भर के सभी गांवों और 83% घरों का 83% विद्युतीकरण होने का दावा किया गया और कहा गया है कि साल के अंत तक इसे 100% तक किया जायेगा!
हालांकि, द हिंदू अख़बार द्वारा किए गए एक विश्लेषण में विद्युतीकरण की वास्तविक और कागजी स्थिति के बीच कई कमियां मिली हैं।
बताया जा रहा है कि कुछ मामलों में तार और ट्रांसफार्मर बिजली जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही चुरा लिए गये जबकि कागजी तौर पर वहां बिजली पहुंच चुकी है।
सरकार ने बिजली के क्षेत्र में डिस्कॉम को शामिल किया है लेकिन फिर भी बिजली की पूर्ति मुमकिन नहीं है, खास कर गर्मी के मौसम में।
सभी डिस्कॉम कंपनियों का कुल परिचालन नुकसान 21.35 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में यह 30.94 फीसदी, बिहार में 36.75 फीसदी, राजस्थान में 24 फीसदी और पंजाब में 29 फीसदी है।
माना जा रहा है कि बिजली कंपनियों को अपना कामकाजी मॉडल सुधारने और राजस्व बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को साथ लेकर चलने की जरूरत है।
केंद्र सरकार ने विद्युतीकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए पिछले साल एक नई योजना सहज बिजली हर घर योजना भी (सौभाग्य) घोषित की थी। इसका कुल व्यय 163.20 अरब रुपये है जबकि इसके लिए बजट में 123.20 अरब रुपये का प्रावधान किया गया है।
हालांकि, विद्युत मंत्रालय ने दावा किया है कि उज्ज्वल डिस्कॉम आश्वासन योजना (उदय) के तहत बिजली की स्थिति के साथ यह स्थिति तेजी से बढ़ रही है।