चित्रकूट जिला का भरतकूप क्षेत्र पथरीली जमीन होय के कारन कम उपजाऊ हवै। क्रेशर मशीन के उड़त धूल के कारन हिंया के जमीन बंजर होय के कगार मा हवै। तबहूं हिंया के किसान आपन खेत जोत के फसल उगावे के कोशिश करत हवै। पै किसानन के समस्या हिंया खतम नहीं होत आय। कत्तौ अन्ना जानवर फसल बर्बाद कइ देत हवैं तौ कत्तौ समय से पानी न मिले के कारन फसल खराब होत हवै। आपन हक खातिर किसान 27 दिसम्बर से आमरण अनशन करै हवैं। 29 दिसम्बर का विधायक के आश्वासन मा धरना खतम कीन गा हवै।
जिला पंचायत का सदस्य आनिल प्रधान बताइस कि तीन दर्जन किसान अनशन मा बइठ हवैं। काहे से दुई तीन दिन खातिर बांध से पानी छोड़ा गा हवै फेर बंद कइ दीन गा हवै। जबै पानी छोड़ा गा रहै तो किसान आपन खेत बो दिहिन रहै। जबै तक पानी चालू न कीन जई तौ हम न उठबै, चाहे मर जई। जगदीश प्रसाद का कहब हवै कि जबै पानी छोड़ा गा रहै तौ कउनौतान खाद बीज के व्यवस्था कइ के खेत बो दीन रहै हमें पता होत कि पानी बंद होइ जइ तौ खेत न बोइत। मनोज कुमार का कहब हवै कि फसल के भरोसे किसान हवै वा भी सूख जई तौ किसान का खइहैं?भुखमरी के कारन किसान पलायन करत हवैं। यहै कारन लगभग चालिस प्रतिशत मड़ई पलायन कइ चुके हवैं। प्रहलाद सिंह पटेल का कहब हवै कि नहर के कारन किसान सिंचाई के दूसर व्यवस्था नहीं करत आहीं।
विधायक चंद्रिकाप्रसाद उपाध्याय का कहब हवै कि बांध मा पानी कम हवै पै किसानन का पानी दीन जई।
रिपोर्टर- मीरा जाटव और नाजनी रिजवी
Published on Jan 3, 2018