जिला सीतामढ़ी, प्रखण्ड रीगा, पंचायत सिराही, गांव मठवा। उहां वार्ड नम्बर नौ में तीन लोग विधवा छथिन। लेकिन उनका विधवा पेंशन न मिलई छई। जबकि उनका सब के लगभग सोलह-सतरह साल विधवा भेला हो गेलई।
उहां के शांति देवी, दुःखनी देवी, रेखा देवी सब कहलथिन कि हमरा पति के मरला लगभग सोलह-सतरह साल भेगेल लेकिन कहां कोनो पेंशन मिलईय? शांति देवी कहलथिन कि हमर बच्चा सब छोट-छोट रहे तहिये पति मर गेल। बाल बच्चा के मजदूरी कके पढ़ईली। अब सब के शादी विवाह क देली त एगो अलगे हई बाल बच्चा के लेके। एगो मुम्बई में शादी क के हई। हमरा पेंशनों मिलईत त कुछों सहारा रहईत। पंचायत से लेके प्रखण्ड तक गेली लेकिन कोई सुनवाई न हई। हमरा से पिछे जे लोग के नाम जुरलई उनका पेंशन मिलई छई। अब हम सब जगह जाके थक गेली त अब कहु न जाई छी। अब मजदूरी के ही आशा हय। ओईसही दुःखी देवी के उमर लगभग सतर साल हो गेलई लेकिन पेंशन न मिलई छई।
मुखिया विजय कुमार राय कहलथिन कि विधवा पेंशन के लेल मृत्यु प्रमाण पत्र बनल होतई। त जोड़ा जतई। अउर उनकर उमर साठ साल से अधिक होतई त वृद्धा पेंशन के लेल फॉर्म भर के पंचायत में जमा करथिन तब नाम जोरायल जतई।
पंचायत सचीव नागेन्द्र बैठा कहलथिन कि अगर उनका पास मृत्यु प्रमाण पत्र न हई त प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के पास आवेदन फॉर्म जमा करथिन तब बन जतई। ओई के बाद पेंशन में नाम जोड़ा जतई।