सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 11 राज्यों और चार केंद्रशासित प्रदेशों में काम कर रही स्वास्थ्य कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के वेतन में 2015 से कोई बदलाव नहीं किया है।
भारत ने एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) में आंगनवाड़ी सेवाओं के तहत 1.18 मिलियन आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और 1.16 मिलियन आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ता की सेवाओं का इस्तेमाल किया, 0-6 वर्षों के बीच बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी स्थिति में सुधार के लिए शुरूआती देखभाल और विकास कार्यक्रम के लिए कार्य किया जाता है।2013 की तुलना में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं की संख्या 2016 में 7% घटकर 1.18 मिलियन रह गई।
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ता स्थानीय समुदाय से अंशकालिक “मानद श्रमिक” हैं जो बच्चों, गर्भवती और नर्सिंग महिलाओं को सरकारी सेवाएं प्रदान करते हैं।
आईसीडीएस के तहत रेंडर करने की उम्मीद की जाने वाली विभिन्न सेवाओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ता पहले से भी ज्यादा बोझ के साथ काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें भुगतान कम मिला रहा है। वेतन देरी के चलते आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता को अपनी जेब से पैसा लेकर बाहर निकलना पड़ता है।
केंद्र सरकार ने 1, 2011, 1 अप्रैल, 2011 से क्रमश: क्रमशः 1500 और 750 रुपये प्रति माह के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ता का मानदंड क्रमशः 3,000 रुपये और 1500 रुपये प्रति माह बढ़ाया था।राज्यों और संघ शासित प्रदेशों और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता अपने संसाधनों से अतिरिक्त वेतन प्राप्त करते हैं।
उत्तर प्रदेश में लगभग 170,000 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता और 150,000 आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ता हैं जिन्हें क्रमशः 1,000 रुपये और 500 रुपये प्रति माह मिलता है जिसमें दिसंबर 2017 में 200 रुपये और 100 रुपये प्रति माह की बढ़ोत्तरी की गयी!
दिल्ली ने कुल वेतन (केंद्र के आवंटन सहित) को आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के लिए 9,678 रुपये और आंगनबाड़ी सहायक कार्यकर्त्ताओं के लिए 4,839 रुपये का भुगतान किया जाता है।
साथ ही राज्य सरकार द्वारा, उन्हें इंटरनेट/मोबाइल शुल्क के लिए क्रमशः 500 और 250 रुपये अतिरिक्त प्रदान भुगतान किया जाता है।
लेख साभार: इंडियास्पेंड