पूरे उत्तर प्रदेश मा स्वास्थ्य व्यवस्था पै बहुत ज्यादा सवाल उठत बाय। जैसे कि जिला फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अउर उपस्वास्थ्य केन्द्र मा व्यवस्था कै बहुत कमी बाय।
कहूं टाइम से खाना नास्ता नाय मिलत तौ कहू बिजली, पानी कै जरूरत के अनुसार सुबिधा नाय बाय। कउनौ-कउनौ केन्द्र मा आक्सीजन कै व्यवस्था नाय बाय। जेसे मनईन का काफी दिक्कत कै सामना करै का परत बाय। कहूं खिड़की टूट बाय तौ कहू दरवाजा। भवन ही जर्जर भै बाय। केतना केन्द्र बना लकिन आज तक बन्द पड़ा बाय। डेलेवरी खातिर बेड़ नाय बाय। जैसे रानोपाली उपकेन्द्र का बने तीन साल भै बाय वकै फर्स उखड़ गै बाय जेसे डेलेवरी करावै मा कीड़ा बीछी कै डर बना रहाथै। कटेहरी सी.एच.सी. मा जननेटर धरा बाय कहियौ डीजल बिना चलत नाय। भरथुआ सरैया उपकेन्द कै दरवाजा, खिड़की सब टूट चुका बाय। बाउण्ड्री के अन्दर झाल होइगै बाय। बरसात मा पानी भरा रहाथै। आखिर हिंआ के स्वास्थ्य व्यवस्था के ताई के जिम्मेदार बाय?
शसन प्रषासन सुबिधा तौ दै दियाथिन लकिन वकै जांच काहे नाय करउतिन? जेसे पता चल सकै कि मरीजन का लाभ मिलत बाय कि नाय? आक्सीजन मषीन रखी रहाथै तौ मनइन का वका सुबिधा काहे नाय दीन जात? गेदहरन का डेलवरी के समय सांस कै दिक्कत हुवाथै तौ धूप मा लइके बैठाथिन। यतनी परेषानी से मरीजन का गुजरै का नराथै लकिन सुबिधा नाय दै जात।
स्वास्थ्य व्यवस्था मा कमी
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