उपस्वास्थ्य केन्द्र बनत है इलाज भी होइ, पै खुली तबै तौ। बांदा जिला के ब्लाक,महुंवा के मुरका गांव मा आठ साल पहिले उपस्वास्थ्य केन्द्र नाम खातिर बना है। सरकार मड़इन के सुविधा खातिर लाखों रुपिया खर्चा कइके या उपस्वास्थ्य केन्द्र बनवाइस रहै पै यहिमा अबै तक ताला लाग हैं। मड़इन का आरोप है कि केंद्र बनै के बाद दुइ-तीन महीना बस खुला हवै फेर बंद ताला लगा दीन गा है। यहै कारन मड़इन का पन्द्रह से बीस किलोमीटर दूरी दवाई अउर डिलेवरी खातिर जायें का पड़त हैं।
आशा का कहब है कि इनतान का अस्पताल बने से का फायदा कि वहिमा ताला लाग रहत है।
रानी बताइस कि इलाज करावे जायें मा रात के वाहन नहीं मिलत आय। या अस्पताल खुल जात तौ सबका आराम होइ जात।
बाबू लाल कबीर का कहब है कि अस्पताल बंद होय से इलाज खातिर मड़इन का महुंवा, बहेरी अउर बांदा जायें का पड़त हैं।
पूनम बताइस कि गर्भवती मेहरियन के बच्चा रास्ता मा होइ जात है, हेंया का अस्पताल खुला होत तौ मड़इन का भटके का न पड़त।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर संतोष कुमार का कहब है कि उपकेन्द्र की जांच करा के जल्दी खोलावै के कोशिश कीन जई।
रिपोर्टर- गीता देवी