नई दिल्ली। कई देशों को पहले अपनी चपेट में ले चुकी बीमारी स्वाइन फ्लू अब भारत में भी फैल रही है। एच1एन1 वायरस से होने वाली यह बीमारी देश के कई राज्यों में अब तक लगभग सात सौ लोगों की जान ले चुकी है। दस हज़ार से ज़्यादा लोग बीमार हैं।
अकेले फरवरी में ही तीन सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। स्वाइन फ्लू ने राजस्थान और गुजरात में सबसे ज़्यादा कहर ढाया था। वहां इसका इलाज करने वाले डॉक्टरों तक की मौत हो गई। यह बीमारी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब में भी तेजी से फैल रही है। इसे रोकने के तमाम प्रयास अब तक सफल साबित नहीं हुए हैं।
स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इसके लक्षणों में नाक से लगातार पानी बहना, छींक आना, कफ, लगातार खांसी, मांसपेशियां में दर्द या अकड़न, सिर में भयानक दर्द, नींद न आना, ज्यादा थकान, दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना, गले में खराश होना शामिल हैं. स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। इसलिए यह मरीज के आसपास के लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है।
इस बार क्यों कहर बन रहा है, स्वाइन फ्लू
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि चार बातों ने इस साल स्वाइन फ्लू वायरस को खतरनाक बना दिया है।
– जाड़े के मौसम का लंबा खिंचना
– जांच की अच्छी व्यवस्था नहीं होना
– इसकी दवा की कमी होना
– लोगों में इसके प्रति जागरुकता फैलाने में राज्य सरकारें नाकाम रहीं। शुरुआत में सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राजस्थान में 183, गुजरात में 155 और मध्यप्रदेश में 90 लोगों की मौत हो चुकी हैं। वहीं पंजाब में 25 लोगों की स्वाइन फ्लू से मौत हुई है। दिल्ली और तमिलनाडु में हालांकि स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या काफी कम है, लेकिन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।