जिला महोबा, ब्लाक चरखारी, गांव सालट ओर पनवाड़ी ब्लाक को गांव रिछा। एते रास्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना खे तहत आदमियन खे स्मार्ट कार्ड बनवाये गये हें। जीमें परिवार के पांच आदमियन खा तीस हजार रूपइया तक को सेत में दवाई होये खा नियम हे, पे ई योजना खा गांव के आदमी नई जानत आय। एई से जा कार्ड खा कोनऊ फायदा भी नई उठा पाउत आय।
चरखारी ब्लाक के गांव सालट के लक्ष्मी प्रसाद ओर चैनू अहिरवार ने बताओ कि हमारे स्मार्ट कार्ड नई बने आय, न हम ईखे बारे में कछू जानत हें। ईसे का फायदा होहे। रामकृपाल अहिरवार बताउत हे कि मोओ स्मार्ट कार्ड 2009 से बनो हे। चार साल पेहले मोई ओरत सतमिला खे किडनी खराब हो गई हती। जीखा दवाई कराये खे लाने में महोबा के जिला अस्पताल से लेके झांसी तक दवाई कराये गओ हतो, पे ओते स्मार्ट कार्ड में दवाई नई भई आय। डाक्टर कहत हतो कि तुम्हाओ कार्ड चालू नइयां। ज्यादा मंहगी दवाई न करा पाये खे कारन 3 जून 2013 खा मोई ओरत सतमिला मर गई।
एसई पनवाड़ी ब्लाक के रिछा गांव को रोहित बताउत हे कि मोई मताई अनिल कुमारी खे तबियत खराब हती। जभे में पनवाडी के जियालाल मैमोरियल हास्पिटल लेके दवाई कराउन गओ तो ऊने कार्ड में दवाई करे से मना कर दओ। जभे कि स्मार्ट कार्ड़ में ऊ अस्पताल में दवाई कराये खे सुविधा हे। दो दिन भर्ती करे खे बाद कार्ड को पूरो रूपइया निकार लओ।
स्मार्ट कार्ड की व्यवस्था देखे वाले जिला समन्वयक धरमेन्द्र राठौर ने बताओ कि कार्ड बनाये से पेहले सब आदमियन खा बताओ गओ हे कि कार्ड में एक परिवार के पांच आदमियन खा (जोन अस्पताल ई कार्ड़ में जुडे़ होहे) सेत में दवाई होहे। पूरे जिला भर में 64 प्रतिशत कार्ड बन चुके हें। जीखे नई बने हें तो या ऊखो नाम 2002 की बी.पी.एल. सूची में न होहे जा बाहर रहे होहे। अगर कोनऊ खा रूपइया निकार लओ गओ हे तो ऊ हमाये एते आ के लिखित दरखास देय तो डाक्टरन खे ऊपर कार्यवाही जरूर करी जेहे।
स्मार्ट कार्ड बने खा, का फायदा
पिछला लेख