खबर लहरिया चित्रकूट स्कूल और आंगनवाड़ी के खाने पर निगरानी

स्कूल और आंगनवाड़ी के खाने पर निगरानी

निगरानी से हैरान तो कहीं आसान

19-12-13 Kshetriya - Karvi Schoolजि़ला चित्रकूट, ब्लाक मानिकपुर छेरिहाखुर्द। सरकार की तरफ से मिड डे मील और आंगनवाड़ी के तहत खाने की निगरानी मोबाईल से की जा रही है। 18001800666, ये एक टोल फ्री यानी इस नंबर में मुफ़्त बात हो सकती है। प्राथमिक स्कूलों और आंगनवाडि़यों में रोज़ फोन आता है। जिसमें खाना खाने वाले बच्चों की संख्या पूछी जाती है। प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर और बाकी के अन्य मास्टरों के पास फोन आता है, तो आंगनबाड़ी में संबंधित आंगनबाडि़यों के पास फोन आता है।
ब्लाक रामनगर, कस्बा रामनगर। यहां की आंगनवाड़ी सुशीला देवी ने बताया कि हमें रोज़ शिक्षा विभाग में सूचना देनी पड़ती है कि कितने बच्चों को खाना दिया गया, इन्हें क्या बांटा गया है।
मानिकपुर ब्लाक, गांव गिदुरहा। प्रधान संजो देवी ने बताया कि आंगनवाड़ी और मिड डे मील पर निगरानी रखने का यह एक अच्छा तरीका है। फ्री नंबर होने से आंगनवाड़ी के राशन या फिर मिड डे मील के बारे में शिकायत करने में आसानी होती है। लोगों के मन में एक डर बना रहता है कि उन्हें सूचना देनी है।

 

लखनऊ से आता है फोन

जि़ला वाराणसी। आज स्कूल में कितने बच्चें आए हैं? कितने लोगों का खाना बना है ? कितनों ने खाया है? जैसे सवाल सिर्फ एक फोन करके पूछे जाते हैं। फोन हर सरकारी स्कूल की हेडमास्टर और वहां के दूसरे स्टाफ के पास आता है।
काशी विद्यापीठ के लोहता के हरपालपुर के प्राथमिक स्कूल की हैडमास्टर अनुसुइया तिवारी बताती हैं कि हमारे स्कूल में 240 बच्चे पढ़ते है। रोज़ मेरे पास लखनऊ शिक्षा विभाग से से फोन आता है, और यही सब सवाल पूछे जाते हैं। सिहुलियां की शिक्षामित्र रेनू सिंह का कहना है कि ये फोन रोज आता है। इन सब चीज़ों के बारें में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी आर. सी. एस. यादव से पूछा गया तो उन्हें इस योजना के बारे में जानकारी ही नहीं थी, उन्होंने कहा मोबाईल पर लोग झूठ भी तो बोल सकते हैं। विभाग की तरफ से पहले की तरह ही जरूरत पड़ने पर जांच के लिए लोग जाते हैं।