देश के कोने कोने तक पहुंच चुकी मैगी पर विवाद खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश की खाद्य सुरक्षा एजेंसी ने मैगी को बंद करने की अपील की है।
इस एजेंसी का कहना है कि इसमें रसायनों की मात्रा मानकों से बहुत ज़्यादा है। यह हमारी सेहत पर धीमे ज़हर जैसा असर कर रहे हैं। इसमें पाया जाने वाला लेड मानक से करीब सत्ताईस गुना ज़्यादा है। इसे दशमलव एक प्रतिशत होना चाहिए मगर इसकी मात्रा सत्रह पी.पी.एम. है।
हालांकि मैगी निर्माता कंपनी नेस्ले अपने उत्पाद की जांच कर रही है। उसका कहना है कि उसकी मैगी सुरक्षित है। मैगी सभी सुरक्षा मानकों पर खरी उतरती है। इस खबर के चलते पिछले हफ्ते मैगी की बिक्री में दस से चैदह प्रतिशत की कमी भी आई है।