जिला बांदा ब्लाक तिन्दवारी, गांव पपरेंदा। हेंया के सभाजीत के मेहरिया कमला बताइस कि वा दुई साल पहिले नसबंदी कराइस है। अब वा पांच महीना के गर्भवती है।
कमला का कहब है-“मैं दुई लड़का एक बिटिया होय के बाद सितम्बर 2012 मा नसबंदी करा लीने रहै। मोर नसबंदी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसण्डा मा भे रहै। मोर नसबंदी का केश ओरन के आशा गुडि़या लइके गे रहै। अगर मैं कारवाही करैं के बात करत हौं तौ आशा कहत है कि मोर काम केश का लई जाब आय अउर कारवाही तुम खुदै करौ।”
पपरेंदा गांव के ए.एन.एम. श्यामा निगम का कहब है कि कमला का नसबंदी केश खातिर मैं कुछ नहीं कई सकत आहंू। काहे से वहिके नसबंदी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिसण्डा से भे है। अब वहिके गर्भवती होय के पूरी देखरेख मैं करत हौं।
अपर सी.एम.ओ. ओ.पी. मौर्य का कहब है कि कमला सरकारी अस्पताल मा अल्ट्रासाउण्ड कराव। अल्ट्रासाउण्ड के जांच रिपोर्ट, नसबंदी के रिपोर्ट अउर मुआवजा का फारम भर के सी.एम.ओ. आफिस मा जमा करै। वा रिपोर्ट लखनऊ भेजब। होंआ से मुआवजा मिली।
वरिष्ठ स्वास्थ्य सलाहकार के बतावैं के हिसाब से नसबन्दी करैं वाला पूरी तान से जिम्मेदार है। काहे से नसबन्दी करैं मा ही गलती भे है। नसबन्दी करावैं वाली मेहरिया का यहिमा कउनौ दोष निहाय। नसबन्दी फेल होय का कारन ही बता सकी कि मुआवजा मिली कि नहीं।